मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता मोहन राज का 70 साल की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और मलयाली सिनेमा में खलनायक के रूप में पहचाने जाते थे। मोहन राज ने 1988 में फिल्म "मूनम मुरा" से अपनी शुरुआत की थी।
एंटरटेनमेंट: मलयालम, तमिल और तेलुगु फिल्मों के मशहूर अभिनेता मोहन राज, जिन्हें उनके स्टेज नाम 'कीरीदम जोस' के रूप में जाना जाता था, का 3 अक्टूबर को 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे और खलनायक के रूप में अपनी भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध थे। उनका अंतिम संस्कार 4 अक्टूबर को केरल में किया जाएगा। उनके निधन से साउथ इंडियन सिनेमा में शोक की लहर है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
स्क्रीन पर खलनायक के किरदार से हुए फेमस
दिग्गज अभिनेता मोहन राज, जो पार्किंसन रोग और डायबिटीज से पीड़ित थे, का तिरुवनंतपुरम में आयुर्वेदिक उपचार चल रहा था। उन्होंने अपने तीन दशकों से अधिक के करियर में 300 से अधिक फिल्मों में काम किया, और उनकी खलनायक भूमिकाओं ने उन्हें खास पहचान दिलाई। उनकी दमदार आवाज और प्रभावशाली एक्सप्रेशंस ने उन्हें उप्पुकंदम ब्रदर्स, चेनकोल, आराम थंपुरन और नरसिम्हम जैसी फिल्मों में यादगार बना दिया। मोहन राज को दक्षिण भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
अभिनेता और निर्देशक दिनेश पणिकर ने सोशल मीडिया पर मोहन राज के निधन की जानकारी साझा करते हुए गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि मोहन राज का उनके घर पर दोपहर करीब 3 बजे निधन हुआ और उनका अंतिम संस्कार अगले दिन तिरुवनंतपुरम में होगा। इस खबर के बाद साथी कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और प्रशंसकों ने संवेदनाएं व्यक्त कीं और सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया।
मोहन राज का परिचय
मोहन राज का जन्म केरल के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया और 20 साल की उम्र में भारतीय सेना में शामिल हो गए। हालांकि, पैर की चोट के कारण उन्हें सेना छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में काम किया। 1988 में मलयालम फिल्म मूनम मुरा से उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, जहां खलनायक के रूप में उन्हें बड़ी पहचान मिली।