दिशा पाटनी के पिता के साथ धोखाधड़ी; सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लूटे लाखों रुपये

दिशा पाटनी के पिता के साथ धोखाधड़ी; सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लूटे लाखों रुपये
Last Updated: 5 घंटा पहले

अभिनेत्री दिशा पाटनी अक्सर किसी न किसी कारण से चर्चा का विषय बनी रहती हैं। हाल के दिनों में, वह दक्षिण के सुपरस्टार सूर्या की फिल्म 'कंगुवा' को लेकर काफी सुर्खियां बटोर रही हैं, जिसमें उन्होंने अपने ग्लैमर से जबरदस्त धमाका किया है। अब दिशा फिर से चर्चा में हैं, और इस बार उनकी सुर्खियों का कारण उनके पिता हैं, जो हाल ही में ठगों की ठगी का शिकार बने है।

उच्च पद दिलाने के बहाने ठगी

लाखों की ठगी का शिकार बने पुलिस अधिकारी दिशा के पिता और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी जगदीश पाटनी एक बड़े ठगी के मामले का शिकार हो गए हैं। उन्हें सरकारी आयोग में उच्च पद दिलाने के नाम पर 25 लाख रुपये की ठगी का सामना करना पड़ा है। इस ठगी के संबंध में जगदीश ने शुक्रवार शाम को बरेली कोतवाली थाने में FIR दर्ज कराई है। पुलिस इस मामले की जांच करने में जुटी है। कोतवाली में जूना अखाड़ा ऋषिकेश के गुरु आचार्य जयप्रकाश सहित पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई हैं।

सरकारी नौकरी का झांसा 

जगदीश बरेली के सिविल लाइंस में अपने परिवार के साथ निवास करते हैं। उनकी शिकायत के अनुसार, वे आरोपी शिवेंद्र प्रताप सिंह को व्यक्तिगत रूप से पहचानते थे। शिवेंद्र ने ही उन्हें दिवाकर गर्ग और आचार्य जयप्रकाश से मिलवाया था। आरोपी ने यह दावा किया था कि उसके राजनीतिक संबंध बहुत मजबूत हैं। उसने जगदीश को आश्वासन दिया था कि वह उन्हें सरकारी आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या इसी प्रकार के प्रतिष्ठित पद दिलवा सकता हैं।

3 महीने में 10 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसे लौटाने का किया गया वादा

जगदीश का विश्वास जीतने के बाद, 5 लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर उनसे 25 लाख रुपये लिए। इसमें से 5 लाख रुपये नकद दिए गए और 20 लाख रुपये तीन अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए गए। रुपये देते समय यह तय हुआ था कि यदि काम नहीं होता है, तो 3 महीने के भीतर 10 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसे वापस किए जाएंगे। लेकिन जालसाजों ने 6 महीने बाद भी पैसे नहीं लौटाए और न ही काम किया।

जगदीश ने पैसे वापस मांगे तो मिली धमकी

जगदीश ने आरोप लगाया है कि शिवेंद्र और उसके साथी एक रैकेट बनाकर लोगों को अपने राजनीतिक प्रभाव का हवाला देकर ठगते हैं। वे लोगों को धोखा देकर उनसे पैसे ऐंठते हैं। जब जगदीश ने इनसे पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने उसे धमकियां दीं और बदतमीजी से पेश आए। जगदीश के अनुसार, ठगों ने अपने राजनीतिक संबंधों के झूठे दावों को और मजबूत करने के लिए अपने एक साथी को अधिकारी बनाकर उनसे मिलवाया, जिसका नाम हिमांशु था।

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