Oscars 2025: विंता नंदा ने उठाया बड़ा सवाल, 'अनुजा' फिल्म के असली मेहनत करने वालों को क्यों नहीं मिल रहा क्रेडिट? 

Oscars 2025: विंता नंदा ने उठाया बड़ा सवाल, 'अनुजा' फिल्म के असली मेहनत करने वालों को क्यों नहीं मिल रहा क्रेडिट? 
Last Updated: 2 दिन पहले

Oscars 2025: ऑस्कर 2025 की रेस को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, खासकर हिंदी फिल्म 'अनुजा' को लेकर। यह फिल्म हाल ही में 97वें एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए 'बेस्ट लाइव-एक्शन शॉर्ट' श्रेणी में नॉमिनेट हुई है। फिल्म के निर्माता प्रियंका चोपड़ा और गुनित मोंगा की चर्चा हो रही है, लेकिन फिल्म के असली मेहनत करने वालों की पहचान नजरअंदाज हो रही है। इस पर फिल्म की प्रोड्यूसर विंता नंदा ने नाराजगी जताई है और ऑस्कर के सिस्टम पर सवाल उठाए हैं।

फिल्म 'अनुजा' और ऑस्कर नॉमिनेशन की चर्चा

'अनुजा' फिल्म को लेकर हाल ही में यह खबर आई कि इसे ऑस्कर 2025 के लिए नॉमिनेशन मिला है। यह फिल्म भारतीय निर्माता प्रियंका चोपड़ा और गुनित मोंगा के सहयोग से बनाई गई है। फिल्म के निर्देशक एडम जे ग्रेव्स को भी इस फिल्म के जरिए ऑस्कर में अपनी पहली नॉमिनेशन मिली है, जो उनके लिए एक बड़ा सम्मान है। लेकिन इसके बाद से ही फिल्म के असली निर्माताओं और कलाकारों के संघर्ष को नजरअंदाज किए जाने की बात उठने लगी हैं।

विंता नंदा का ऑस्कर सिस्टम पर हमला

प्रोड्यूसर विंता नंदा ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा, "अब सिस्टम बहुत खराब हो गया है। क्यूरेटर निर्माता के रूप में ऑस्कर नामांकन और पुरस्कार लेकर चले जाते हैं, जबकि असल मेहनत करने वालों की संघर्षों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जाता है। हम किस तरह की दुनिया में रह रहे हैं?"

हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी बातों से यह स्पष्ट था कि उनका इशारा 'अनुजा' फिल्म की तरफ था। विंता नंदा ने अपने पोस्ट में यह भी बताया कि फिल्म के असली निर्माता और कलाकारों के बारे में किसी ने बात नहीं की, जबकि फिल्म की कास्टिंग प्रक्रिया में सलाम बालक ट्रस्ट की मदद अहम रही थी।

सलाम बालक ट्रस्ट और फिल्म का योगदान

विंता नंदा ने अपनी पोस्ट में सलाम बालक ट्रस्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि इस ट्रस्ट का अहम योगदान था फिल्म 'अनुजा' के निर्माण में। सलाम बालक ट्रस्ट ने सड़क पर रहने वाले बच्चों को एक मंच दिया था, जिससे वे अपनी जिंदगी में कुछ हासिल कर सकें। यह ट्रस्ट फिल्म निर्माता मीरा नायर के परिवार द्वारा स्थापित किया गया था, और इसने फिल्म के कास्टिंग और निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

फिल्म 'अनुजा' की कहानी

'अनुजा' फिल्म की कहानी एक 9 साल की लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका नाम अनुजा है। यह लड़की अपनी बड़ी बहन पलक के साथ दिल्ली की एक ब्लैक-एली कपड़ा फैक्ट्री में काम करती है। जब अनुजा को स्कूल जाने का मौका मिलता है, तो उसे एक महत्वपूर्ण और जीवन बदलने वाला फैसला लेना पड़ता है, जो उसकी और उसके परिवार के भविष्य को प्रभावित करता है। फिल्म में इस संघर्ष को बखूबी दिखाया गया है, और इसने दर्शकों को गहरे तरीके से छुआ हैं।

विंता नंदा का समर्पण और समर्थन

विंता नंदा ने अपनी पोस्ट के माध्यम से यह भी कहा कि फिल्म के निर्माण और कलाकारों की मेहनत को सही जगह पहचान मिलनी चाहिए थी। उनका मानना है कि जब हम किसी फिल्म को सराहते हैं, तो यह जरूरी है कि हम उन सभी लोगों का नाम लें, जिनकी मेहनत और योगदान से वह फिल्म सफल होती हैं।

ऑस्कर के सिस्टम पर विवाद

विंता नंदा का यह बयान इस बात पर भी सवाल उठाता है कि ऑस्कर जैसे सम्मानित प्लेटफार्म पर केवल एक नाम क्यों लिया जाता है। उनका कहना है कि असल में उन फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को सही तरीके से सम्मानित किया जाना चाहिए, जिनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष फिल्म की सफलता में योगदान देते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है जब हमें फिल्म इंडस्ट्री के सही कामकाजी सिस्टम को समझने की आवश्यकता हैं।

फिल्म 'अनुजा' को मिली ऑस्कर नॉमिनेशन की खुशी के बावजूद, विंता नंदा के सवाल इस बात को उजागर करते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में असल मेहनत करने वालों को उनके योगदान का उतना सम्मान नहीं मिलता जितना उन्हें मिलना चाहिए। यह घटना उस सिस्टम की ओर इशारा करती है, जो कभी-कभी सही लोगों को उनका हक नहीं देता। इस मुद्दे पर विचार-मंथन जरूरी है, ताकि आगे चलकर सभी फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को उचित सम्मान मिल सके।

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