रिलायंस कैपिटल (आर-कैप) के दिवाला समाधान में हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) के सफल अधिग्रहण से एक नई शुरुआत हो रही है। यह अधिग्रहण अगले महीने तक पूरा हो सकता है, जिसके बाद हिंदुजा ग्रुप ने रिलायंस कैपिटल के कारोबार को अगले 5 सालों में तीन गुना बढ़ाने की बड़ी योजना बनाई है। बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में इस कारोबार को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
अधिग्रहण का रास्ता साफ, 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश
आईआईएचएल ने रिलायंस कैपिटल के समाधान प्रक्रिया को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे बाद में 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया। यह राशि बोली से अधिक थी और इसके बाद कंपनी के दिवाला समाधान को सशक्त बनाने में मदद मिली। आईआईएचएल के चेयरमैन अशोक पी हिंदुजा ने बताया कि अब तक अधिकतर स्वीकृतियां और प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। इस प्रक्रिया में कुछ कदम और बाकी हैं, जो अगले 4-6 हफ्तों में पूरे हो जाएंगे, जिसके बाद जनवरी अंत तक यह अधिग्रहण पूरी तरह से हिंदुजा ग्रुप के अधीन आ जाएगा।
नए लक्ष्य के साथ बड़ा वादा
अशोक हिंदुजा ने कहा कि हिंदुजा ग्रुप ने अगले 5 साल में रिलायंस कैपिटल के कारोबार को 3 गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। 2030 तक 50 अरब डॉलर का मूल्यांकन प्राप्त करने का लक्ष्य है, जबकि वर्तमान में आईआईएचएल का मूल्यांकन केवल 15 अरब डॉलर है। इस समय, कंपनी को कई तरह की स्वीकृतियों का इंतजार है, लेकिन जो प्रमुख प्रक्रियाएं बाकी हैं, वे जल्द ही पूरी हो जाएंगी।
समझौते की मंजूरी और समयसीमा
रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए आईआईएचएल को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से मंजूरी मिल चुकी है। 27 फरवरी, 2024 तक कंपनी को सभी लेन-देन को पूरा करने का समय मिला है, और इसे 31 जनवरी, 2025 तक सौदा पूरा करने की विस्तारित समयसीमा भी प्राप्त हुई है। अगर समयसीमा के भीतर सौदा पूरा नहीं हुआ, तो हिंदुजा ग्रुप को 3,000 करोड़ रुपये की राशि वापस करनी होगी, जो उन्होंने एचएनआई, अल्ट्रा-एचएनआई और पारिवारिक कार्यालयों से जुटाई थी।
आरबीआई के हस्तक्षेप से बना रास्ता
रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नवंबर 2021 में भंग कर दिया गया था, क्योंकि कंपनी के भुगतान चूक और शासन संबंधी मुद्दे सामने आए थे। इसके बाद हिंदुजा ग्रुप ने इसे अपने नियंत्रण में लेने का फैसला किया और अब वे इस अधिग्रहण को पूरा करने के बाद कारोबार को और मजबूत बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
नए कार्यों की दिशा
हिंदुजा ग्रुप का यह कदम भारत के बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अधिग्रहण से न केवल हिंदुजा ग्रुप को लाभ होगा, बल्कि यह भारत की वित्तीय बाजारों में भी एक मजबूत असर छोड़ेगा। अब देखना यह होगा कि हिंदुजा ग्रुप अपनी योजनाओं को किस हद तक सफल बना पाता है और कैसे रिलायंस कैपिटल का कारोबार अगले कुछ वर्षों में बदलता है।