आरबीआई गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास का छह साल का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है। इस दौरान उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को कई संकटों से उबारा, जिसमें उच्च एनपीए और कोविड महामारी शामिल हैं। उनके नेतृत्व में आरबीआई ने महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों और उपायों को लागू किया।
Shaktikanta Das Bids Adeau RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। केंद्र सरकार ने वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा को नया आरबीआई गवर्नर नियुक्त किया है। संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर 2024 से अपना कार्यभार संभालेंगे और वह भारत के 26वें आरबीआई गवर्नर होंगे।
पीएम मोदी का आभार प्रकट करते हुए शक्तिकांत दास
आरबीआई गवर्नर पद से विदाई लेते हुए शक्तिकांत दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट लिखा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन से उन्हें बहुत लाभ हुआ है। शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विचार और दृष्टिकोण ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया।
वैश्विक संकटों से उबरने में मिली सफलता
शक्तिकांत दास ने अपने छह साल के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में आरबीआई और भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई वैश्विक संकटों का सामना किया। उन्होंने वित्त मंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार के साथ उनके बेहतर फिस्कल-मॉनिटरी कोऑर्डिनेशन ने कठिन चुनौतियों को पार करने में मदद की। दास ने आरबीआई की टीम और सभी संबंधित पक्षों का भी आभार प्रकट किया, जिनके योगदान से आर्थिक संकटों का सफलतापूर्वक सामना किया गया।
RBI गवर्नर का सफर
दिसंबर 2018 में जब आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया, तब शक्तिकांत दास को गवर्नर नियुक्त किया गया। उनके कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई महत्वपूर्ण संकटों का सामना किया, जिसमें 2019 में आर्थिक सुस्ती और 2020 में कोविड-19 महामारी शामिल थी। दास ने बैंकिंग सेक्टर में एनपीए (NPA) की समस्या से निपटने, डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देने और ब्याज दरों में कटौती की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
ब्याज दरों को लेकर आई चुनौती
हाल के दिनों में शक्तिकांत दास को ग्रोथ बनाए रखते हुए महंगाई से निपटने की चुनौती का सामना करना पड़ा। हालांकि सरकार ने ब्याज दरों में कटौती की मांग की, लेकिन दास ने अपनी आखिरी पॉलिसी में केवल कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, लेकिन रेपो रेट को स्थिर रखा। इस निर्णय के माध्यम से उन्होंने बैंकिंग प्रणाली में नकदी बढ़ाने की कोशिश की, जबकि महंगाई को नियंत्रित करने की प्राथमिकता दी।
अर्थव्यवस्था में शक्तिकांत दास का योगदान
आरबीआई गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कई बड़े संकटों से बाहर निकाला। उनके नेतृत्व में भारतीय रिजर्व बैंक ने सही नीतियों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को मजबूती दी और डिजिटल क्षेत्र में बड़े बदलाव किए। उनके कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज़ बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गई।