Manipur: कुकी उग्रवादियों ने CRPF के जवानों पर किया हमला, बटालियन के दो जवान शहीद, कई घायल

Manipur: कुकी उग्रवादियों ने CRPF के जवानों पर किया हमला, बटालियन के दो जवान शहीद, कई घायल
Last Updated: 27 अप्रैल 2024

मणिपुर में शुक्रवार (26 अप्रैल) की देर रात कुकी उग्रवादियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) पर हमला कर दिया, जिसमें बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात CRPF की 128 वीं बटालियन के दो जवान शहीद हो गए।

मणिपुर न्यूज़: मणिपुर में आए दिन हिंसा बढ़ती जा रही है। यहां अभी भी कुकी और मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष का दौर जारी है। इसी बीच कुकी उग्रवादियों ने शुक्रवार की देर रात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) पर हमला कर दिया, जिसमें CRPF बटालियन के दो जवान शहीद हो गए।

इस बारे में subkuz.com टीम को जानकारी देते हुए मणिपुर पुलिस ने बताया कि शुक्रवार (26 अप्रैल) की आधी रात को मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात CRPF की 128 वीं बटालियन पर हमला कर दिया था। जिसमे दो जवानों की जान चली गई।

बटालियन पर अंधाधुंध गोलीबारी

मणिपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'इलाके में तैनात कुकी उग्रवादियों ने शिविर को निशाना बनाकर पहाड़ी की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी की। शुक्रवार की रात करीब 12 बजे से देर रात लगभग सवा दो बजे तक गोलीबारी जारी रही। इस हमले में 128 बटालियन के दो जवानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।'',

शहीद जवानों की पहचान

 उन्होंने बताया कि शहीद होने वाले जवानों की पहचान CRPF के SI एन. सरकार और हेड कांस्टेबल अरूप सैनी के रूप में हुई है। बताया गया कि हमले में निरीक्षक जादव दास और कांस्टेबल आफताब दास छर्रे लगने से घायल हो गए। फ़िलहाल, उनका इलाज कराया जा रहा है।

बता दें कि CRPF के  जवानों को आईआरबीएन (IRBN) शिविर की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। पुलिस ने कहा कि इस हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है। जल्द से जल्द उन सभी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

इससे पहले भी भड़की थी हिंसा

subkuz.com को मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले साल 3 मई, 2023 को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद भड़की जातीय हिंसा में मणिपुर के 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। बताया गया कि मणिपुर की आबादी में मैतेई जनजाति के लोगों की संख्या लगभग 53 फीसदी है और वे अधिकतर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, वे 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं।  

 

 

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