17 दिसंबर को लोकसभा में पेश होगा "एक देश, एक चुनाव" बिल, संविधान संशोधन को लेकर भी तैयारियां तेज

17 दिसंबर को लोकसभा में पेश होगा
Last Updated: 16 दिसंबर 2024

लोकसभा में 17 दिसंबर को "एक देश, एक चुनाव" पर 129वां संविधान संशोधन बिल पेश होगा। विस्तृत चर्चा के लिए इसे जेपीसी को भेजा जाएगा। 2034 के बाद देशभर में एकसाथ चुनाव कराने का प्रस्ताव है।

One Nation One Election Bill: लोकसभा में मंगलवार, 17 दिसंबर को "एक देश, एक चुनाव" को लेकर 129वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है। विस्तृत चर्चा और सहमति बनाने के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेजा जाएगा। इसी दिन जेपीसी का गठन होगा, जिसमें बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य दलों के सदस्यों के नाम तय किए जाएंगे।

संशोधित कार्यसूची में हुआ बदलाव

इस बिल को पहले 16 दिसंबर, सोमवार को पेश किया जाना था, लेकिन संशोधित कार्यसूची से इसे हटा दिया गया। इससे पहले शुक्रवार को जारी कार्यसूची में इसे सोमवार को पेश करने की बात कही गई थी। हालांकि, अब यह बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश होने की संभावना है।

बिल में क्या प्रस्ताव है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने 12 दिसंबर को "वन नेशन, वन इलेक्शन" बिल को मंजूरी दी थी। इस विधेयक में 2034 के बाद देशभर में एकसाथ चुनाव कराने का प्रस्ताव है। सरकार ने विधेयक का मसौदा सभी लोकसभा सदस्यों को भेज दिया है। यह विधेयक 129वें संविधान संशोधन के जरिए संविधान और केंद्र शासित प्रदेशों के कानून में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखता है।

संविधान में किए जाएंगे ये संशोधन

इस बिल के तहत संविधान के चार अनुच्छेदों 82ए, 83, 172, और 327 में संशोधन प्रस्तावित है।

अनुच्छेद 82ए: लोकसभा और सभी विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने का प्रावधान।

अनुच्छेद 83 और 172: संसद और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल में संशोधन।

अनुच्छेद 327: निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को "एकसाथ चुनाव" शब्दों से बदला जाएगा।

एक साथ चुनाव कराने का इतिहास

सरकार ने बताया कि 1951-52, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराए गए थे। हालांकि, 1968 और 1969 में कुछ विधानसभाओं के समय से पहले भंग होने के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो गई और अलग-अलग चुनाव होने लगे।

रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति

"वन नेशन, वन इलेक्शन" को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2023 को एक समिति बनाई गई थी। समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति को अपनी सिफारिशें सौंपी थीं। सरकार के अनुसार, यह विधेयक देश में चुनावी प्रक्रियाओं को अधिक संगठित और सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

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