Adani News: 1750 करोड़ का रिश्वत घोटाला! अडानी और आंध्र अधिकारी पर लगे आरोप, TDP की चुप्पी सवालों के घेरे में

Adani News: 1750 करोड़ का रिश्वत घोटाला! अडानी और आंध्र अधिकारी पर लगे आरोप, TDP की चुप्पी सवालों के घेरे में
Last Updated: 17 घंटा पहले

2019 में जगन सरकार के सत्ता में आते ही कई PPA रद्द कर दिए गए थे, जिससे राज्य में बिजली संकट गहराया था। TDP ऐसी किसी स्थिति से बचने की कोशिश कर रही है।

Adani News: अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडानी और उनके समूह के खिलाफ दर्ज आरोप पत्र में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोप है कि अडानी समूह ने आंध्र प्रदेश में एक वरिष्ठ अधिकारी को 2029 करोड़ रुपये की डील में से करीब 1750 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर दिए। यह कुल राशि का लगभग 85% है। इस गंभीर मामले पर राज्य की सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने अब तक कोई बयान नहीं दिया है। टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पट्टाभि राम ने केवल इतना कहा, "हमने इस केस के बारे में सुना है और इसे एक-दो दिन में देखेंगे।"

टीडीपी की चुप्पी और इसके पीछे के कारण

माना जा रहा है कि TDP ने इस मामले में चुप रहने की रणनीति अपनाई है। इसके पीछे कुछ संभावित कारण हो सकते हैं:

1. स्थिति का आकलन

TDP के नेता फिलहाल पूरे मामले की गहराई को समझने और इसके राजनीतिक प्रभाव का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं। आरोप है कि मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के शासनकाल में अडानी समूह ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के ठेके हासिल करने के लिए रिश्वत दी थी।

2. अडानी समूह के साथ संबंध

सूत्रों के अनुसार, TDP प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू हाल ही में अडानी पोर्ट्स एंड SEZ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक से मिले थे। यह बैठक आंध्र प्रदेश में निवेश और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को लेकर चर्चा के लिए हुई थी। इसके अलावा, राज्य में सौर ऊर्जा की आवश्यकता को देखते हुए पार्टी विवाद में पड़ने से बचना चाहती है।

3. बीजेपी और पीएम मोदी से खास रिश्ता

TDP, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी से अपने संबंधों को बरकरार रखना चाहती है। पार्टी पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (JSP) के साथ अपने गठबंधन को मजबूत बनाए रखने की कोशिश में है। पवन कल्याण ने ही बीजेपी को टीडीपी-जना सेना गठबंधन में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई थी।

विपक्ष का रुख और आरोप

इस मामले में विपक्ष ने सरकार और अडानी समूह पर तीखा हमला बोला है। सीपीआई ने आरोप लगाया कि अमेरिकी कोर्ट के आरोप पत्र ने घोटाले की पुष्टि कर दी है। वहीं, सीपीआई (एम) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से इस मामले की जांच की मांग की है। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अडानी समूह को किसी भी जांच से बचाया है और अब यह आवश्यक है कि एक स्वतंत्र एजेंसी इस मामले की निष्पक्ष जांच करे।

अमेरिकी आरोप पत्र का खुलासा

आरोप पत्र के मुताबिक, गौतम अडानी ने आंध्र प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात की थी। यह मुलाकात SECI (सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) और राज्य विद्युत वितरण कंपनियों के बीच बिजली खरीद समझौते (PPA) की प्रक्रिया को तेज करने के लिए की गई थी। इसमें आरोप है कि कुल 2029 करोड़ रुपये की राशि में से 1750 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर दिए गए।

टीडीपी और केंद्र में इसकी भूमिका

TDP फिलहाल एनडीए का अहम हिस्सा है। पार्टी के नेता राम मोहन नायडू और डॉ. चंद्र शेखर पेम्मसानी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं। लेकिन, इस मामले में पार्टी की चुप्पी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। TDP के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी कोई भी कदम उठाने से पहले इसके फायदे और नुकसान का आकलन कर रही है।

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