Baba Siddique Murder: बाबा सिद्दीक हत्या मामला! मुख्य आरोपी ने नाबालिग होने का किया दावा, सत्यता की जांच के लिए कोर्ट ने पुलिस को दिए निर्देश

Baba Siddique Murder: बाबा सिद्दीक हत्या मामला! मुख्य आरोपी ने नाबालिग होने का किया दावा, सत्यता की जांच के लिए कोर्ट ने पुलिस को दिए निर्देश
Last Updated: 14 अक्टूबर 2024

महाराष्ट्र के प्रसिद्ध नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में एक आरोपी को कोर्ट ने 21 अक्टूबर तक की रिमांड पर भेज दिया है। इस बीच, दूसरे आरोपी ने हैरान कर देने वाला बयान देते हुए कहा कि वह नाबालिग है। इस पर कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह इस दावे की जांच करे। जांच के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा। 

Baba Siddique: बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में, मुंबई की एक अदालत ने गोली मारकर हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों में से एक को 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह दूसरे आरोपी की उम्र का निर्धारण करने के लिए अस्थि परीक्षण (बोन एज टेस्ट) कराए, क्योंकि उसने नाबालिग होने का दावा किया है।

पुलिस को परीक्षण कराने के बाद दूसरे आरोपी को अदालत में फिर से पेश करने के लिए कहा गया है। इसके बाद अदालत यह तय करेगी कि मामले की कार्यवाही किशोर न्यायालय में की जाएगी या नियमित न्यायालय में।

शनिवार को दिया वारदात को अंजाम

शनिवार को हुई हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार दोपहर को संदिग्ध हमलावरों को अदालत में पेश किया। इनकी पहचान हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी एक अन्य व्यक्ति के रूप में हुई है।

अजीत पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी (66) को मुंबई के बांद्रा इलाके में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना खेर नगर में हुई, जहां सिद्दीकी पर हमला किया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और संदिग्धों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

बाबा को तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया

पुलिस ने जानकारी दी कि उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने आरोपियों की 14 दिनों की रिमांड की मांग की और कहा कि उन्हें यह जानने की आवश्यकता है कि क्या इसमें कोई अंतरराष्ट्रीय संबंध शामिल है। मारे गए व्यक्ति को साधारण नागरिक नहीं, बल्कि एक पूर्व मंत्री के रूप में पहचाना गया। सुरक्षा के बावजूद, हमलावर उन्हें गोली मारने में सफल रहे।

कोर्ट ने मामले में जांच पड़ताल के दिए आदेश

अभियोजन पक्ष ने यह कहा कि हमें अपराध के पीछे की मंशा और मकसद का पता लगाने की आवश्यकता है। सरकारी वकील गौतम गायकवाड़ ने अदालत में बताया कि पुलिस को यह जानने की आवश्यकता है कि क्या गोलीबारी में कोई राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता शामिल थी।

दोनों आरोपियों की ओर से उपस्थित वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने तर्क दिया कि अपराध अत्यंत दुखद और निराशाजनक था, लेकिन आरोपियों की भूमिका को साबित नहीं किया जा सका। वकील ने यह भी कहा कि हो सकता है कि सिद्दीकी की हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण की गई हो और दोनों आरोपियों को इस मामले में झूठा फंसाया गया हो।

 

 

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