ओडिसा में मौत के बाद अंगदान करने वाले सुभाजीत साहू (8 वर्ष) को मंगलवार को भुवनेश्वर में पूर्ण राजकीय सम्मान अंतिम संस्कार किया गया. बताया सिटी पुलिस आयुक्त संजीव कुमार पांडा और भुवनेश्वर के डीसीपी (Deputy Commissioner of Police) प्रतीक सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में सुभाजीत को उनके परोपकार और बलिदान के लिए राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर सम्मान दिया गया।
परिजनों ने लिया अंगदान का निर्णय
Subkuz.com के पत्रकार राहुल सैनी को अस्पताल में डॉक्टरों ने बातचीत के दौरान बताया कि भुवनेश्वर के कल्पना इलाके में रहने वाले सुभाजीत साहू का मस्तिष्क दौरे के कारण तीन दिनों से इलाज चल रहा है. लेकिन सभी प्रकार की कोशिशों के बावजूद भी सुभाजित की बीमारी का इलाज नहीं हो पाया। उसके बाद शनिवार को डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया. डॉक्टर के समझाने पर दुख का पहाड़ टूटने के बाद भी उनके परिवार ने जरूरतमंदों को आशा और एक नै जिंदगी देने के लिए सुभाजित के अंगों का दान करने का निर्णय लिया।
पिता ने कहां - 'मुझे अपने बेटे पर गर्व है'
मीडिया के सामने सुभाजीत साहू के पिता विश्वजीत कुमार साहू ने अपना गौरव और आभार व्यक्त करते हुए कहां कि 'मुझे अपने बेटे पर बहुत गर्व है. वह महान और बहादुर था. उसने मरने के बाद भी कई लोगों नया जीवन देकर गया है. मैं खुद स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करता हूं, इसलिए मुझे ज्ञात है कि मानव जीवन बिना अंग कितना दुर्लभ है. कई लोग अंग दान करने वाले के इंतजार में मर जाते है, लेकिन उन्हें अंग अनहि मिलते है. इसलिए मैनें और पुरे परिवार ने अपने बेटे के अंग का दान करने का निर्णय लिया हैं।
अंगदाताओं को 'गार्ड ऑफ ऑनर' सम्मान देने का मुख्यमंत्री ने किया ऐलान
जानकारी के अनुसार 15 फरवरी को मुख्यमंत्री नवीन कुमार पटनायक ने यह ऐलान किया की परिजनों द्वारा मरने के व्यक्ति के अंगो का दान करने पर उनका अंतिम संस्कार पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। यह सम्मान समाज में निस्वार्थ योगदान करने के लिए दिया जाता है. सुभाजीत साहू को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर सम्मान अंग दाताओं की पहचान और स्मरण करने के लिए ओडिशा सरकार ने शुरू किया हैं।
मीडिया को जानकारी देते हुए कमिश्नर संजीव कुमार पांडा ने 'गार्ड ऑफ ऑनर' सम्मान के महत्व के बारे में बताते हुए कहां कि हम राज्य सरकार के नियम के तहत मरने वाले अंगदाताओं को गार्ड ऑफ ऑनर सम्मान देते है. हमें इस बात की उम्मीद है की सरकार के ऐसे निर्णय से अंगदान को बढ़ावा मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग अंग दान करने के लिए आगे आएंगे. वर्ष 2019 की 'राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन' की स्थापना और वर्ष 2020 में अंगदाताओं के लिए 'सूरज पुरस्कार' की घोषणा भी इसी में शामिल हैं।