भा.ज.पा. ने पश्चिम बंगाल में राम मंदिर बनाने का किया ऐलान, ममता सरकार पर लगाए राजनीतिक आरोप

भा.ज.पा. ने पश्चिम बंगाल में राम मंदिर बनाने का किया ऐलान, ममता सरकार पर लगाए राजनीतिक आरोप
Last Updated: 14 दिसंबर 2024

पश्चिम बंगाल में अब राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। अयोध्या के बाद भाजपा ने राज्य में भी भव्य राम मंदिर बनाने का एलान किया है। भाजपा नेता अग्निमित्र पॉल ने यह घोषणा की कि अगले साल बरहमपुर में राम मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा। यह एलान तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद हुमायूं कबीर के विवादास्पद बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने राज्य में बाबरी मस्जिद बनाने की बात की थी।

हुमायूं कबीर के बयान के बाद भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा नेता अग्निमित्र पॉल ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण किसी भी तरह से बाबरी मस्जिद से नहीं जुड़ा है। पॉल ने हुमायूं कबीर के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, "कबीर ने पहले भी हिंदू समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए थे, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।" पॉल ने आगे कहा कि बाबरी मस्जिद और राम मंदिर दोनों की अपनी पहचान है, और यह दोनों ही धार्मिक प्रतीक हैं।

पॉल ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि ममता सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए 'दूसरा बांग्लादेश' बनाने का प्रयास कर रही हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अगले साल अयोध्या में राम मंदिर के एक साल पूरा होने का जश्न मनाएगी और बरहमपुर में राम मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा।

ममता सरकार पर लगाए गए आरोप

भाजपा नेताओं ने ममता बनर्जी पर यह भी आरोप लगाया कि वह मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए ऐसे भड़काऊ बयान देने का समर्थन कर रही हैं। भाजपा नेता शंकर घोष ने कहा, "मंदिर बनाना हमारे संस्कार का हिस्सा है, और यह हमारी पहचान का प्रतीक है। मस्जिद उन लोगों से जुड़ी है जिन्होंने भारत पर आक्रमण किया।" उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण स्वाभाविक था और इसे बाबरी मस्जिद से जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है।

हुमायूं कबीर का विवादास्पद बयान

इससे पहले, हुमायूं कबीर ने कहा था कि बाबरी मस्जिद मुस्लिमों की भावनाओं से जुड़ी हुई है, क्योंकि इसे बाबर ने बनवाया था। कबीर ने यह भी दावा किया कि 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया था, और अब 30 साल बाद भी मस्जिद नहीं बन सकी। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन दी थी, और वहां भी मस्जिद का निर्माण जल्द होगा।

कबीर ने बंगाल में मस्जिद के निर्माण को लेकर चल रही चर्चाओं पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्होंने राज्य सरकार से जमीन खरीदने के लिए संपर्क नहीं किया है। उनका कहना था कि इस मस्जिद का निर्माण एक ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा, और इसमें सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा।

राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा का स्पष्ट दृष्टिकोण

भाजपा का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण हिन्दू समुदाय की आस्था का विषय है और इसे किसी भी धर्म विशेष से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि मंदिर बनाने की प्रक्रिया स्वाभाविक है और यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।

पश्चिम बंगाल में राम मंदिर का निर्माण अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है, और यह ममता बनर्जी सरकार के लिए नई चुनौतियां पेश कर सकता है। भाजपा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह मंदिर निर्माण किसी सांप्रदायिक तनाव का कारण नहीं बनेगा, और इसका उद्देश्य केवल हिन्दू धर्म की आस्था को सम्मानित करना है।

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