Health Study: भारत में ग्लोबल हेल्थ को लेकर नए आंकड़े, 50 प्रतिशत लोग आलसी, शारीरिक गतिविधियों में नहीं है रूचि

Health Study: भारत में ग्लोबल हेल्थ को लेकर नए आंकड़े, 50 प्रतिशत लोग आलसी, शारीरिक गतिविधियों में नहीं है रूचि
Last Updated: 28 जून 2024

The Lancet Global Health Journal में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 2022 में भारत में लगभग 50 प्रतिशत लोग अपर्याप्त स्तर की शारीरिक श्रम करते हैं। हेल्थ को लेकर अध्ययन में पाया गया कि भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम शारीरिक गतिविधियां करती हैं।

Lancet Report on India: हेल्थ रिपोर्ट को लेकर निकाले गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में शारीरिक श्रम में लोग काफी आलसीपन दिखाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं में शारीरिक गतिविधि का अपर्याप्त स्तर पुरुषों की तुलना में औसतन 14 फीसदी अधिक है। वहीं, लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में दर्ज सूत्रों के अनुसार, साल 2022 में भारत के लगभग 50 प्रतिशत लोग अपर्याप्त स्तर की शारीरिक गतिविधि का हिस्सा बनते हैं।

शारीरिक गतिविधियों में पुरुष और महिला

subkuz.com को मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि शारीरिक गतिविधि का अपर्याप्त स्तर महिलाओं का पुरुषों की तुलना में औसतन 14 प्रतिशत अधिक है। इसी आधार पर भारत में महिलाएं (58 प्रतिशत), पुरुषों (42 प्रतिशत) की तुलना में शारीरिक श्रम कम करती हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एक सर्च के दौरान बताया कि, दक्षिण एशियाई क्षेत्र वयस्कों के शारीरिक गतिविधियों में अपर्याप्त रूप से सक्रिय होने के मामले में उच्च आय वाले एशिया प्रशांत क्षेत्र के बाद दूसरे स्थान पर रहा है।

इतने प्रतिशत नहीं करते शारीरिक श्रम

मिली रिपोर्ट में बताया गया कि, वैश्विक स्तर पर लगभग एक तिहाई लोग (31.3 प्रतिशत) प्राप्त रूप से शारीरिक श्रम नहीं करते। इनका आंकड़ा 2010 के मुकाबले इस वर्ष और बढ़ गया है। उस समय दुनियाभर में अपर्याप्त रूप से शारीरिक गतिविधि में संलग्न 26.4 प्रतिशत लोग शामिल थे, जो अब 5 प्रतिशत अधिक बढ़ गया है।

शारीरिक गतिविधियों में भारत के आंकड़े

शोधकर्ताओं ने जांच में पाया कि, वर्ष 2000 में भारत में की गई सर्च के अनुसार 22 % से थोड़ा अधिक वयस्क अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि में संलग्न थे, जबकि 2010 में लगभग 34 प्रतिशत वयस्क अपर्याप्त रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय थे। उन्होंने आगे बताया कि यदि वर्तमान रुझान ऐसे ही जारी रहा, तो 2030 में 60 % वयस्क अपर्याप्त रूप से शारीरिक गतिविधि में शामिल हो सकते हैं।

ऐसे में कई बिमारियों का हुए शिकार

The Lancet डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित 2023 इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज (ICMR-INDIAB) के एक अध्ययन के मुताबिक कहा गया है कि साल 2021 में भारत में 101 मिलियन लोग मधुमेह से ग्रस्त थे और उसी साल लगभग 315 मिलियन लोगों को हाई लेवल बीपी था। इसके अलावा यहां 254 मिलियन लोग मोटापे से ग्रस्त हैं तथा 185 मिलियन लोगों में LDL या 'खराब' कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक रहा है।

 

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