भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता मिलने की संभावना बढ़ी है। एक बड़े मुस्लिम देश ने समर्थन किया, तारिक अलबनई ने कहा- सदस्यता बढ़ने पर भारत दावेदार होगा।
UNSC Seat: भारत को सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता मिलने की उम्मीदें अब और मजबूत हो गई हैं। कुवैत ने भारत के समर्थन में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। संयुक्त राष्ट्र में कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि और अंतर-सरकारी वार्ता (IGC) के सह-अध्यक्ष तारिक अलबनई ने कहा कि यदि UNSC के सदस्य देशों की संख्या बढ़ाकर 21 से 27 के बीच की जाती है, तो भारत निश्चित रूप से एक प्रमुख दावेदार होगा। इस बयान से भारत को स्थायी सदस्यता मिलने की संभावना पर एक नई रोशनी पड़ी है।
यूएनएससी में सुधार की जरूरत
तारिक अलबनई ने कहा कि यूएनएससी में सुधार की आवश्यकता है, खासकर इसके प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए। उनका मानना है कि यदि परिषद का विस्तार होता है, तो भारत एक मजबूत उम्मीदवार के तौर पर सामने आएगा। उन्होंने यह भी बताया कि परिषद को अगले शताब्दी तक समावेशिता, पारदर्शिता, दक्षता, लोकतंत्र और जवाबदेही जैसे सिद्धांतों के आधार पर कार्य करना चाहिए।
फ्रांसीसी दूतावास का भी समर्थन
इससे पहले, 1 अप्रैल को भारत में स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने भी भारत को स्थायी सदस्यता दिलाने के लिए UNSC सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने का समर्थन किया था। यह बयान भारत के लिए एक और बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि यह वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करता है।
भारत की UNSC सदस्यता की संभावना पर बढ़ा समर्थन
भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर वैश्विक समर्थन बढ़ता जा रहा है। कुवैत और फ्रांस जैसे देशों के समर्थन से भारत की उम्मीदें काफी मजबूत हो गई हैं। यह संकेत हैं कि यदि UNSC में विस्तार होता है, तो भारत का इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण स्थान होगा।