प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अभी कुछ दिन पहले अरुणाचल दौरे पर थे. उसी दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर कुमार जयसवाल ने कहां कि ऐसी यात्राओं पर चीन की आपत्ति व्यक्त करने की वास्तविकता को नहीं बदलेगी. उन्होंने कहां कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, अंग है और हमेशा रहेगा.
Arunachal Pradesh: भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन द्वारा दिए गए बेमतलबी बयान को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affair) ने कहां कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और बिना विभाजित होने वाला अंग था है और हमेशा रहेगा. अरुणाचल के लोगों को भारत सरकार द्वारा चलाई गई सभी विकास परियोजनाओं का फायदा मिलता है और हमेशा मिलेगा.
मोदी के दौरे को लेकर चीन ने जताई आपत्ति
Subkuz.com को सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे को लेकर चीन ने आपत्ति जताई थी. इस आपत्ति को भारत सरकार ने खारिज कर दिया. जिसके कारण चीन की सेना ने अरुणाचल राज्य पर अपना आदिपत्य बताते हुए इस चीन के क्षेत्र का स्वाभाविक भाग बताया था.
जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर कुमार जायसवाल ने चीन को करारा जवाब देते हुए कहां कि "हमने चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के प्रति दिए गए बेमतलबी हकनामे की टिप्पणी पर गौर किया है. इस बात पर जवाब देते हुए कहां कि किसी के भी द्वारा किए गए बेबुनियादी दावों को कोई वैधता नहीं मिलती. चीन के बार-बार हक़ जताने पर भी वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा. अरुणाचल प्रदेश भारत का एक मुख्य अंग था है और हमेशा रहेगा."
चीन रक्षा मंत्रालय ने क्या कहां
चीन रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग पुंग शियाओगांग के सहयोगियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्नल झांग ने कहां था कि जिजांग (तिब्बत का चीनी नाम) का दक्षिणी हिस्सा चीन के भू-भाग का एक आंतरिक हिस्सा है. चीन देश भारत सरकार द्वारा अवैध रूप से अपने आदिपत्य में किए गए अरुणाचल प्रदेश राज्य को कभी भी स्वीकार नहीं करता है और साथ इसमें Oppose करता हैं.
बताया गया है कि 9 मार्च को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश राज्य में 12 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था. ये सुरंग रणनीतिक रूप से तवांग क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी (संपर्क बनाए रखना) देगी. इसके साथ ही सीमांत क्षेत्र में सैनिकों के आवागमन को भी बेहतर बनाने की आश हैI