Bihar News: सुपौल में निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिरने से बड़ा हादसा, एक की मौत, 9 मजदूर घायल

Bihar News: सुपौल में निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिरने से बड़ा हादसा, एक की मौत, 9 मजदूर घायल
Last Updated: 22 मार्च 2024

बिहार के सुपौल में शुक्रवार सुबह 7 बजे कोसी नदी पर निर्माणाधीन एक पुल का गार्डर गिरने से बड़ा हादसा हो गया है। इस हादसे में कई मजदूरों के दबने की खबर बताई जा रही है। फ़िलहाल, अभी बचाव और राहत कार्य जारी है।

Bridge Girder Collapse (Bihar):  बिहार के सुपौल जिले में आज यानि शुक्रवार (22 मार्च) की सुबह बड़ा हादसा हो गया। कोसी नदी पर निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिर गया, जिसकी चपेट में आने से एक मजदूर की मौत हो गई और कई अन्य मजदूरों के घायल होने की खबर रही है। स्थानीय लोगों ने समय पर बचाव दल को बुलाया और सभी मजदूरों को मलबे से बाहर निकालने के कार्य में लगे हुए हैं। यह घटना पौल के बख्तियारपुर के पास शुक्रवार की सुबह करीब 7 बजे की बताई जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। वहीं, मौके पर पहुंचे प्रशासनिक वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

30 मजदूरों के दबने की आशंका

मिली सूचना के मुताबिक, बिहार के सुपौल जिले में बन रहे देश के सबसे बड़े निर्माणाधीन बकौर पुल के एक हिस्से के गार्डर गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई है। जबकि 9 से अधिक मजदूर घायल हो गए हैं। सुचना मिलते ही मौके पर पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य जारी है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 30 मजदूरों के दबे होने की आशंका है।

पुल निर्माण में 1200 करोड़ की लागत

subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में कोसी नदी पर 1200 करोड़ की लागत से बन रहा बकौर पुल देश का सबसे बड़ा निर्माणाधीन सड़क पुल है। 10.2 किमी. लंबे महासेतु का निर्माण दो एजेंसियों द्व्रारा (गैमन इंडिया और ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड) किया जा रहा हैं। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत इस पुल का निर्माण दिसंबर 2024 तक संपन्न होना है। सुपौल के बकौर और मधुबनी जिले के भेजा के बीच इसका निर्माण कार्य चल रहा है। हालांकि, मरीचा के पास निर्माणाधीन इस सड़क पुल का एक हिस्सा गार्डर गिर गया है। जानकारी के मुताबिक, पुल के पिलर नंबर 50, 51 और 52 का गार्डर गिरने से इतना बड़ा हादसा हुआ है। इसके गिरने के बाद निर्माण एजेंसियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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