Chhath Puja 2024: यमुना का हाल बेहाल, दिल्ली शर्मसार; चौंका देने वाली रिपोर्ट आई सामने

Chhath Puja 2024: यमुना का हाल बेहाल, दिल्ली शर्मसार; चौंका देने वाली रिपोर्ट आई सामने
Last Updated: 1 दिन पहले

दिल्ली में यमुना का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है, और इसकी स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यमुना अक्टूबर महीने में सितंबर के मुकाबले और भी अधिक मैली हो गई है। बावजूद इसके, यमुना की सफाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे यह गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

Chhath Puja 2024: राजधानी दिल्ली में यमुना की स्थिति और भी खराब हो गई है, लेकिन इसके बावजूद इस महत्वपूर्ण नदी की सफाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यमुना के लगातार प्रदूषण से स्थिति चिंताजनक हो गई है, और इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सियासी घमासान छिड़ा हुआ है।

आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच यमुना को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं, जबकि यमुना की सफाई की आवश्यकता पहले से कहीं ज्यादा महसूस हो रही है।

यमुना के बिगड़ते हालात

यमुना नदी की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और अक्टूबर में भी इसमें कोई सुधार देखने को नहीं मिला। सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में यमुना का पानी और अधिक मैला हो गया है। दिल्ली के पल्ला और वजीराबाद जैसे इलाकों में, जहां यमुना का पानी अपेक्षाकृत स्वच्छ माना जाता था, वहां भी कैमिकल ऑक्सीजन डिमांड (COD) और बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है।

यमुना का पानी लगातार जहरीला

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की अक्टूबर माह की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि यमुना का पानी लगातार जहरीला बना हुआ है। इसमें रसायन और सीवरेज दोनों प्रकार के प्रदूषण तत्व पाए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, रसायन औद्योगिक इकाइयों से छोड़े गए जल अपशिष्ट का हिस्सा हैं, जबकि सीवरेज यमुना में गिरने वाले विभिन्न नालों से रहा है। अक्टूबर में यमुना की आठ अलग-अलग लोकेशनों से पानी के नमूनों का विश्लेषण किया गया, और सभी में प्रदूषण के उच्च स्तर का पता चला।

पल्ला में सीओडी और बीओडी का स्तर बढ़ा

पल्ला, जहां से यमुना दिल्ली में प्रवेश करती है, में सितंबर माह में सीओडी का स्तर 22 मिलीग्राम प्रति लीटर था, जो अक्टूबर में बढ़कर 64 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया। बीओडी का स्तर भी सितंबर में तीन मिलीग्राम प्रति लीटर था, जो अक्टूबर में बढ़कर चार मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया।

वजीराबाद में भी स्थिति चिंताजनक

वजीराबाद में, सितंबर के दौरान सीओडी का स्तर 26 मिलीग्राम प्रति लीटर था, जो अक्टूबर में 68 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गया। वहीं, बीओडी का स्तर सितंबर में पांच मिलीग्राम प्रति लीटर था, जो अक्टूबर में नौ मिलीग्राम प्रति लीटर तक बढ़ गया।

असगरपुर में यमुना का सबसे खराब हाल

रिपोर्ट में यमुना नदी का सबसे प्रदूषित स्थान असगरपुर बताया गया था, जो शाहदरा और तुगलकाबाद नालों के संगम के बाद है। यहां डिजोल्व आक्सीजन का स्तर शून्य पाया गया, जबकि यह पांच मिलीग्राम प्रति लीटर से ऊपर होना चाहिए था। इसके अलावा, असगरपुर में फीकल कोलीफार्म बैक्टीरिया का स्तर 79,00,000 एमपीएन प्रति लीटर रहा, जो स्वीकृत सीमा से 3,160 गुना अधिक है। डिजोल्व ऑक्सीजन का स्तर तीन मिलीग्राम प्रति लीटर या उससे भी कम के मानक से 15 गुना अधिक पाया गया।

 

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