Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, पूर्व CM भूपेश बघेल के घर रेड

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ईडी ने पूर्व CM भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य के ठिकानों पर शराब घोटाले में छापेमारी की। 2,100 करोड़ रुपये के घोटाले में कई अधिकारी और व्यापारी भी जांच के घेरे में हैं।

Chhattisgarh: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े कथित शराब घोटाले के सिलसिले में की गई। भिलाई में चैतन्य बघेल के ठिकानों सहित राज्य में कई अन्य व्यक्तियों के परिसरों पर भी छापा मारा गया। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई। बताया गया है कि केंद्रीय एजेंसी ने भूपेश बघेल के घर सुबह-सुबह छापेमारी शुरू की।

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?

ईडी पहले ही दावा कर चुकी है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। शराब सिंडिकेट ने कथित तौर पर 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की। ईडी के अनुसार, शराब घोटाले में अवैध तरीके से धन अर्जित किया गया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा। इस मामले में राज्य सरकार के अधिकारियों, व्यापारियों सहित कई अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

शराब घोटाले में कौन-कौन हैं आरोपी?

ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में यह घोटाला हुआ। इस घोटाले में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए गड़बड़ी की गई थी। मामले को लेकर ईडी और एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का जिक्र किया गया।

कैसे किया गया घोटाला?

एजेंसी का दावा है कि 2019 से 2023 के बीच अनिल टुटेजा इस घोटाले के केंद्र में रहे। अवैध लाभ के रूप में इस दौरान बड़ी रकम जुटाई गई। आरोप है कि यह पैसा डिस्टिलर्स (शराब निर्माताओं) से ली गई रिश्वत और सरकारी शराब दुकानों में देशी शराब की बेहिसाब बिक्री के जरिए आया था। हालांकि, पिछले साल 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इसमें अपराध से अर्जित धन का स्पष्ट प्रमाण नहीं है।

ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

ईडी की इस छापेमारी को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की जा रही है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि चुनावों से पहले विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना बीजेपी का पैटर्न बन गया है। वहीं, भूपेश बघेल ने भी इस रेड को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा और इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया।

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