दिल्ली सरकार ने कोविड महामारी के दौरान अपनी जान खोने वाले लोगों के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा कि यह सहायता प्रभावित परिवारों की मदद के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले, दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी के चलते जान गंवाने वाले 92 परिवारों को भी 1-1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान की|
New Delhi: दिल्ली सरकार कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पांच व्यक्तियों के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये की सहायता देने जा रही है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इससे पहले, दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले 92 परिवारों को भी 1-1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि वितरित की थी।
कोरोना महामारी: मानवता के लिए एक गंभीर संकट
निस्संदेह, यह राशि दिवंगत व्यक्तियों के परिवारों के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती, लेकिन इससे उनके परिवारों को एक सम्मानजनक जीवन जीने का साधन अवश्य प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी पूरी मानवता के लिए एक गंभीर संकट साबित हुई। इस संकट ने सभी के मन में डर और भय का संचार किया, लेकिन हमारे कई लोगों ने अपनी जान को जोखिम में डालते हुए दिल्ली को इस संकट से उबारने का कार्य किया।
इन व्यक्तियों के परिजनों को मिलेगी सहायता राशि
संजय मनचंदा, फार्मासिस्ट, एसडीएमसी- मनचंदा कोरोना महामारी के दौरान एसडीएमसी के पेशेंट केयर फैसिलिटी में फार्मासिस्ट के रूप में कार्यरत थे। इसके साथ ही, वे आशा वर्कर्स और एएनएम के साथ कंटेनमेंट जोन में भी भ्रमण करते थे। ड्यूटी के दौरान वे कोरोना से संक्रमित हो गए और कुछ दिनों बाद उनका निधन हो गया।
रवि कुमार सिंह- रवि कुमार मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में जूनियर असिस्टेंट के रूप में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान वे कोरोना से संक्रमित हुए और उनका निधन हो गया।
वीरेंद्र कुमार- वीरेंद्र कुमार एक सफाई कर्मी थे, जिन्होंने कोरोना के दौरान एक हंगर रिलीफ सेंटर में सफाई का कार्य किया। ड्यूटी के दौरान वे कोरोना से संक्रमित हुए और कुछ समय बाद उनका निधन हो गया।
भवानी चंद्र- भवानी चंद्र दिल्ली पुलिस में एएसआई थे। वे कोरोना काल में लोकनायक अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात थे। ड्यूटी के दौरान वे कोरोना से संक्रमित हुए और उनका निधन हो गया।
मो.यासीन- मो.यासीन एमसीडी में प्राइमरी टीचर थे। कोरोना के दौरान वे राशन वितरण की ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान किसी संक्रमित के संपर्क में आने के बाद उन्हें भी संक्रमण हुआ और कुछ समय बाद उनका निधन हो गया।