CM Atishi Resign: दिल्ली में सत्ता परिवर्तन, आतिशी ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, उपराज्यपाल से की मुलाकात

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दिल्ली चुनाव 2025 में AAP की हार के बाद सीएम आतिशी ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज निवास पहुंचकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपा।

CM Atishi Resign: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सुबह करीब 11 बजे राज निवास पहुंचकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

चार महीने ही मुख्यमंत्री रहीं आतिशी

आतिशी ने सितंबर 2024 में मुख्यमंत्री पद संभाला था, जब अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 21 सितंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वह चार महीने तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। हालाँकि, आम आदमी पार्टी इस चुनाव में बुरी तरह पराजित हुई, जिसके चलते उन्होंने पद छोड़ दिया।

AAP की ऐतिहासिक हार, 22 सीटों पर सिमटी पार्टी

आम आदमी पार्टी, जिसने 2015 में 70 में से 67 सीटें और 2020 में 62 सीटें जीती थीं, इस बार मात्र 22 सीटों पर सिमट गई। भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया और 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की।

2020 की तुलना में AAP के वोट प्रतिशत में भारी गिरावट आई। पार्टी का परंपरागत वोट बैंक भी भाजपा की रणनीति के आगे टिक नहीं पाया।

AAP के कई दिग्गज नेता हारे

दिल्ली चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, आतिशी समेत पार्टी के कई बड़े नेता अपनी-अपनी सीटों से चुनाव हार गए।

हालांकि, आतिशी ने अपनी कालकाजी सीट से जीत दर्ज की।

कालकाजी सीट से आतिशी ने दर्ज की जीत

शुरुआती रुझानों में आतिशी पीछे चल रही थीं, लेकिन अंत में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी को 3,580 वोटों के अंतर से हराया।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, आतिशी ने 12 राउंड की मतगणना के बाद कुल 52,058 वोटों से जीत हासिल की।

AAP ने स्वीकार किया जनादेश

आतिशी ने आम आदमी पार्टी की हार को स्वीकारते हुए कहा,
"मैं दिल्ली की जनता के जनादेश को स्वीकार करती हूं। साथ ही उन सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने हिंसा और गुंडागर्दी का सामना कर जमीनी स्तर पर कड़ी मेहनत की और जनता तक पहुंचे।"

उन्होंने आगे कहा कि AAP दिल्ली की जनता की सेवा जारी रखेगी और अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ेगी।

चुनाव में कम हुई वोटिंग

दिल्ली में इस बार 60.54% मतदान हुआ, जो पिछले विधानसभा चुनाव (62.60%) से कम रहा।

विशेषज्ञों का मानना है कि आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोपों, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, शराब नीति घोटाले और भाजपा की मजबूत चुनावी रणनीति की वजह से भारी नुकसान हुआ।

भाजपा ने कैसे बदली दिल्ली की राजनीति?

भाजपा ने इस बार दिल्ली चुनाव में पूरी तैयारी के साथ कदम रखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने 'मोदी की गारंटी', हिंदुत्व और विकास के एजेंडे को जनता के बीच रखा।

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