दिल्ली हाई कोर्ट में आज BJP नेता प्रवीण शंकर कपूर की याचिका पर सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने आतिशी के खिलाफ मानहानि मामला खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
Defamation Case: दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दायर मानहानि मामले को खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी। भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने इस याचिका को दायर किया है, जिस पर न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ सुनवाई करेगी।
भाजपा नेता का दावा – ट्रायल कोर्ट ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग
भाजपा नेता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि ट्रायल कोर्ट ने विशेष न्यायाधीश के रूप में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया और गलत तरीके से समन रद्द कर दिया। याचिका में कहा गया है कि मानहानि की शिकायत को खारिज करने का फैसला कानून के दायरे से बाहर जाकर लिया गया है।
ट्रायल कोर्ट के आदेश में कानूनी खामियां
भाजपा के पूर्व मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया कि ट्रायल कोर्ट ने शिकायतकर्ता को अपने आरोपों को सही साबित करने के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने दावा किया कि इस निर्णय में कई कानूनी खामियां हैं, और इसे रद्द किया जाना चाहिए।
आप विधायकों को खरीद-फरोख्त का आरोप बना विवाद की जड़
भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने अपनी याचिका में कहा है कि 27 जनवरी 2024 और 2 अप्रैल 2024 को आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा पर आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा ने विधायकों को पार्टी बदलने के लिए 20 से 25 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।
कोर्ट ने मानहानि का मामला खारिज करने पर दी थी ये दलील
28 जनवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने मामले को खारिज करते हुए कहा था कि आतिशी द्वारा लगाए गए आरोप राजनीतिक भ्रष्टाचार से जुड़े हैं और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत आता है। इसे मानहानि नहीं माना जा सकता।
कोर्ट ने समन रद्द करने पर क्या कहा था?
राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीजेपी नेता द्वारा दायर मानहानि मामले को खारिज करते हुए कहा कि आतिशी की टिप्पणी विपक्षी पार्टी के खिलाफ थी, न कि संगठन के किसी व्यक्तिगत सदस्य के खिलाफ। इसी आधार पर कोर्ट ने समन को रद्द कर दिया था।
आतिशी ने ईडी की धमकी का भी किया था दावा
आतिशी ने यह भी दावा किया था कि भाजपा ने उनके एक करीबी सहयोगी के माध्यम से उन्हें पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर उन्होंने एक महीने के भीतर भाजपा जॉइन नहीं की, तो उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। यह विवाद 2024 लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले का है।