देश के राजधानी दिल्ली में जलवायु में परिवर्तन का दायरा बहुत तेजी से बदल रहा है. वर्ष 2023 के दौरान जितनी मौसमी घटनाएं देखने को मिली थीं. उससे कहीं ज्यादा जलवायु परिवर्तन इस साल जनवरी महीने में ही सामने आ गए है. सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) द्वारा जारी 'द स्टेट आफ इंडियाज एनवायरमेंट 2024' रिपोर्ट के अनुसार जनवरी माह में दिल्ली वासियों ने चरम मौसमी घटना का एहसास हर दिन किया।
मौसमी घटनाओं का हुआ अहसास
Subkuz.com की मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट 'द स्टेट आफ इंडियाज एनवायरमेंट 2024' में बताया कि दिल्ली वासियों के लिए इस साल की शुरुआत में ही चरम मौसमी घटना का एहसास किया है. बताया कि दिल्ली में तेजी से होते बिल्डिंग निर्माण, सड़कों का निर्माण, एसी के ज्यादा इस्तेमाल, निजी गाड़ियों के अत्यधिक उपयोग और जलवायु परिवर्तन के कारण 37 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र के लोग बहुत तेज गर्मी से जूझ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार आईआईटीएम (Indian Institute Of Technology Madras) पुणे के जलवायु वैज्ञानिक राक्सी मैथ्यू कॉल ने बताया कि दिल्ली की जनसंख्या बहुत अधिक है. गर्मी यहां ट्रेप (बंद) होकर रह जाती है. रात के समय कंक्रीट के कारण जमीन की गर्मी नीचे दब जाती है जिससे रात में भी जमीन गर्म ही रहती है. बड़ी-बड़ी इमारते बनने से हरित क्षेत्र कम (सिमट) हो गया हैं।
गर्मी को कम करने के दिए सुझाव
जानकारी के अनुसार 'द स्टेट आफ इंडियाज एनवायरमेंट 2024' रिपोर्ट में दिल्ली वासियों को गर्मी से बचाने के लिए अनेक तरीके भी सुझाए है. इस रिपोर्ट के मुताबिक हरित क्षेत्र को बढ़ाया जाए, नीला क्षेत्र जैसे नमभूमि, तालाब, झील, बरसाती नाले आदि को बढ़ाना, धूप की गर्मी को काम करने के लिए अधिक पेड़ लगाना चाहिए।
बताया कि मकानों के पास खाली जमीन, जलाशयों पर फोकस करना, रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ती गर्मी को रोकना निर्माण कार्य के दौरान शेडिंग डिवाइस और ठंडी रहने वाली छतों के इस्तेमाल को अपनाना चाहिए। दिल्ली में गलियों की डिजाइन इस तरह करनी चाहिए की लोग पैदल चल सकें। सड़कों के किनारे पेड़ लगाना, साइड- वाक, पार्किंग, और फुटपाथ पर घास लगाना चाहिए।
फरवरी माह रहा इसबार ठंडा
जानकारी इ अनुसार दिल्ली में सर्दियों के काम होने के कारण वर्ष 2023 में फरवरी महीने में गर्मी ने 17 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था। लेकिन इस साल अधिकतम और न्यूनतम तापमान के मामले में रिकॉर्ड ठंडा रहा है मौसम विभाग के मुताबिक औसत अधिकतम सामान्य तापमान 25.2 डिग्री के मुकाबले 2.3 डिग्री कम (23.9 डिग्री) सेल्सियस दर्ज हुआ है. वर्ष 2014 में 48.8 मिमी वर्षा के बाद साल 2024 में सर्वाधिक 32.5 मिमी वर्षा का रिकार्ड दर्ज किया गया हैं।