दिवाली के त्योहार के दौरान दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में जमकर पटाखे फोड़े गए, जिसके चलते अगले दिन दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) भी बढ़ गया। इससे वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुँच गया। अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद हुई आतिशबाजी पर सख्त नाराजगी जताई है।
New Delhi: दिवाली के दिन पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिली, जिसकी जानकारी एमिकस क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को दी। इसी बीच, दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद हुई आतिशबाजी पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा, पूछा, "ऐसा क्यों हुआ?" साथ ही, दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया कि इस आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पटाखों पर बैन को सख्ती से लागू नहीं किया गया। कोर्ट ने यह भी बताया कि फायर क्रैकर्स पर बैन प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी नोटिस जारी किया है, यह पूछते हुए कि बैन के बावजूद आतिशबाजी पर रोक क्यों नहीं लगाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पटाखों पर प्रतिबंध का पालन नहीं किया गया। रिपोर्ट्स में उल्लेख है कि दिवाली के दौरान प्रदूषण अपने उच्च स्तर पर था। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का हलफनामा दाखिल करे।
भविष्य के लिए दिशा-निर्देश
कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वे प्रतिबंध को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में हलफनामा दाखिल करें। इसके साथ ही, उन्हें यह भी बताना होगा कि वे किन कदमों का प्रस्ताव रखते हैं ताकि अगले वर्ष ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
सुनवाई की तारीख
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से पिछले 10 दिनों में पराली जलाने के विवरण का हलफनामा भी दाखिल करने को कहा है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले पर सुनवाई 14 नवंबर को होगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि दिवाली के दौरान प्रदूषण के मुद्दे को लेकर क्या कार्रवाई की गई।