AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर प्रदूषण के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया, कहा- हरे इलाकों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाकर धोखाधड़ी की।
Delhi News: दिल्ली में प्रदूषण की समस्या हमेशा से ही गंभीर रही है, लेकिन अब आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बीजेपी ने प्रदूषण के आंकड़े कम दिखाने के लिए धोखाधड़ी की है। सौरभ भारद्वाज का दावा है कि बीजेपी सरकार ने प्रदूषण के आंकड़े छिपाने के लिए दिल्ली के हरे-भरे इलाकों में वायु गुणवत्ता निगरानी सिस्टम लगाए हैं। आइए जानते हैं इस खुलासे के बारे में विस्तार से।
बीजेपी ने प्रदूषण आंकड़ों को कम दिखाने के लिए किया धोखाधड़ी
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि चुनाव से पहले बीजेपी ने प्रदूषण को लेकर काफी हंगामा किया था। उन्होंने अखबारों में प्रदूषण पर कई विज्ञापन प्रकाशित किए और मीडिया में अफवाहें फैलाईं। लेकिन अब भारद्वाज का कहना है कि बीजेपी ने प्रदूषण के आंकड़े कम करने के लिए धोखाधड़ी की है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के जंगलों और हरे-भरे इलाकों में छह नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए गए हैं, ताकि प्रदूषण का स्तर कम दिख सके।
प्रदूषण के आंकड़े छुपाने के लिए बनाए गए नए स्टेशन
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि तीन नए मॉनिटरिंग स्टेशन दिल्ली के हरे-भरे इलाकों में प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें दक्षिण दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU), पश्चिम दिल्ली में नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय (पश्चिम परिसर) शामिल हैं। इसके अलावा, मालचा महल के पास सेंट्रल रिज और दिल्ली कैंटोनमेंट जैसी जगहों पर भी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जाने का प्रस्ताव है।
बीजेपी सरकार पर AAP का हमला: स्वास्थ्य से खिलवाड़
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है। उनका कहना है कि इन मॉनिटरिंग स्टेशनों को हरे-भरे इलाकों में लगाया जा रहा है, जबकि उच्च प्रदूषण वाले क्षेत्रों में इनकी उपेक्षा की जा रही है। इससे प्रदूषण के वास्तविक आंकड़े छिपाए जा रहे हैं, जो कि दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है।
प्रदूषण पर राजनीतिक खेल
दिल्ली में प्रदूषण हमेशा से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है, खासकर सर्दियों में जब वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' और 'खतरनाक' श्रेणियों में चली जाती है। पिछले विधानसभा चुनावों में, प्रदूषण पर AAP और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी। अब AAP का आरोप है कि बीजेपी ने चुनाव से पहले प्रदूषण को लेकर हंगामा मचाया, लेकिन अब जब सत्ता मिल गई है, तो प्रदूषण के आंकड़ों को छिपाने की कोशिश की जा रही है।