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Gautam Adani: अडानी मामले में संसद में मचा घमासान, राहुल गांधी बोले- 'सरकार बचाने की कोशिश कर रही है'

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राहुल गांधी ने कहा कि छोटे मामलों में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया जाता है, जबकि अडानी को अमेरिका में हजारों करोड़ की अनियमितता के आरोपों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में उन्हें जेल में होना चाहिए।

Gautam Adani Issue in Parliament: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग एक बार फिर उठाई और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अडानी को बचा रही है। उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि अडानी को अमेरिका में हजारों करोड़ रुपये की अनियमितता के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, और ऐसे में उन्हें जेल में होना चाहिए। राहुल गांधी ने यह भी सवाल किया कि क्या अडानी अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को स्वीकार करेंगे, और कहा कि वह इन आरोपों से इनकार करेंगे, जैसा कि वे पहले भी कर चुके हैं।

अडानी समूह की सफाई

अडानी समूह की कंपनी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है। हालांकि, कंपनी ने यह माना कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं, जिसमें मौद्रिक दंड लगाया जाना शामिल है। राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अडानी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, और आरोपों से इनकार करना उनकी आदत है।

राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के गठन की मांग को लेकर राज्यसभा में हंगामा किया। कांग्रेस नेताओं जैसे जी सी चंद्रशेखर, रणदीप सिंह सूरजेवाला, सैयद नासिर हुसैन और अन्य ने अदाणी समूह के भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए जेपीसी गठित करने का नोटिस दिया। हालांकि, सभापति जगदीप धनखड़ ने इन नोटिसों को अस्वीकार कर दिया और कहा कि यह मुद्दा अन्य प्रावधानों के तहत उठाया जा सकता है। इसके बाद विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।

सदन में स्थगन और विरोध

सदन की कार्यवाही में विघ्न डालते हुए विपक्षी दलों ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी गठन की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस पर सभापति धनखड़ ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया। विपक्षी दलों का कहना है कि अडानी समूह से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए।

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