Columbus

Guler Miniature Painting: गुलेर चित्रकला की दो पेंटिंग 31 करोड़ रुपये में हुई नीलाम,18वीं सदी में राजा गोवर्धन चंद के कार्यकाल में बनाई गई थी ये कलाकृति

🎧 Listen in Audio
0:00

गुलेर चित्रकला की दो पेंटिंग्स को मुंबई में स्थित प्रमुख कला नीलामघर पंडोल में आयोजित नीलामी में 31 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कीमत में खरीदा गया है। यह अब तक की सबसे महंगी बिकने वाली गुलेर चित्रकला पेंटिंग्स हैं।

धर्मशाल: गुलेर लघु चित्रकला (मिनिएचर पेंटिंग) को अब मुंबई में कद्रदान मिले हैं। गुलेर रियासत के प्रसिद्ध चित्रकार नैनसुख की चित्रकला को विशेष सम्मान मिला है। उनकी बनाई पेंटिंग, जिसमें महाराजा बलवंत सिंह की गीत-संगीत महफिल को दर्शाया गया है, हाल ही में मुंबई के प्रमुख कला नीलामघर पंडोल में आयोजित नीलामी में 15 करोड़ रुपये की कीमत में बिकी। इसके अलावा, नैनसुख की अगली पीढ़ी द्वारा बनाई गई गीत गोविंद पर आधारित पेंटिंग ने भी नीलामी में शानदार प्रदर्शन किया और 16 करोड़ रुपये में बिकी। 

कौन थे नैनसुख नैनसुख?

नैनसुख, जो जम्मू के निवासी थे, अपने पिता पंडित सेऊ के साथ गुलेर आए थे। पंडित सेऊ के दो बेटे, मनकू और नैनसुख, दोनों ही चित्रकला के प्रसिद्ध चितेरे थे। कांगड़ा और गुलेर के महाराजाओं ने चित्रकला के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए और इन क्षेत्रों की लघु चित्रकला को बढ़ावा दिया। इनकी कला का असर आज भी देश-विदेश में देखा जा सकता है। कांगड़ा और गुलेर की लघु चित्रकला की पेंटिंग्स अब कई प्रमुख कला संग्रहालयों में प्रदर्शित की जा रही हैं, जिनमें लंदन का विक्टोरिया एंड अल्बर्ट संग्रहालय, स्विट्जरलैंड का रीटबर्ग संग्रहालय ज्यूरिख, राष्ट्रीय कला संग्रहालय चंडीगढ़ और लाहौर के संग्रहालय शामिल हैं। ये पेंटिंग्स न केवल भारतीय कला की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं।

Leave a comment