Haryana: गुरुग्राम निगमायुक्त का कड़ा निर्देश, अधिकारी करें त्वरित कार्रवाई, अन्यथा होगी सजा

Haryana: गुरुग्राम निगमायुक्त का कड़ा निर्देश, अधिकारी करें त्वरित कार्रवाई, अन्यथा होगी सजा
Last Updated: 10 घंटा पहले

गुरुग्राम के निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को सीवर ओवरफ्लो और ब्लाकेज की समस्याओं पर तुरंत समाधान देने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों से नागरिकों के फोन उठाने और कार्रवाई नहीं करने पर विभागीय सजा की चेतावनी दी है।

Haryana: गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त अशोक कुमार गर्ग ने इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को क्षेत्र में सीवर ओवरफ्लो और ब्लॉक होने की शिकायतों पर तत्परता से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उनका कहना है कि अधिकारियों को सबसे पहले नागरिकों को अंतरिम राहत प्रदान करनी चाहिए और उसके बाद स्थायी समाधान पर काम शुरू करना चाहिए। यह निर्देश उन्होंने अपनी टीम के साथ एक बैठक के दौरान दिए।

नागरिकों को तुरंत राहत प्रदान करने की आवश्यकता

निगमायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी अधिकारियों को आमजन के फोन जरूर उठाने चाहिए और शिकायतों को तुरंत नोट करके समाधान करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। साथ ही, जो भी शिकायत वाट्सएप ग्रुप में आए, उसकी जानकारी तुरंत ग्रुप में साझा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी अधिकारी के द्वारा फोन नहीं उठाया जाता है या किसी शिकायत पर कार्रवाई में लापरवाही होती है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

बार-बार शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी

निगमायुक्त ने कहा कि यदि किसी अधिकारी के खिलाफ बार-बार शिकायत आती है, तो उसे पहले चेतावनी, फिर कारण बताओ नोटिस और अंत में नियम 7 और 8 के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। अगर किसी अधिकारी की बार-बार शिकायत होती है तो उसे सेवामुक्त भी किया जा सकता है। यह कदम अधिकारियों को अधिक जिम्मेदार और जवाबदेह बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं।

सीवर समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता

अशोक कुमार गर्ग ने बताया कि वर्तमान में प्रत्येक कार्य दिवस में आयोजित होने वाले समाधान शिविरों में 90 प्रतिशत शिकायतें सीवरेज से संबंधित आ रही हैं, जो दर्शाता है कि इस दिशा में त्वरित समाधान की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों को सीवर जाम और ओवरफ्लो जैसी समस्याओं के समाधान में गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए।

कार्यक्षमता सुधारने के लिए अधिकारियों को सलाह

निगमायुक्त ने सभी कार्यकारी अभियंताओं को सलाह दी कि वे अपने संबंधित सहायक अभियंताओं और कनिष्ठ अभियंताओं के साथ सप्ताह में एक बार बैठक आयोजित करें और कार्य निष्पादन में आने वाली समस्याओं पर चर्चा करें। इसके अलावा, इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत सुपरवाइजरों को भी जवाबदेह बनाने के निर्देश दिए गए।

नई कमेटी का गठन

निगमायुक्त ने सीवर, ड्रेनेज, सड़क और पेयजल आपूर्ति के लिए बेहतर टेंडर डाक्यूमेंट तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके लिए कार्यकारी अभियंता अजय पंघाल के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है, जो 30 दिसंबर तक सीवरेज संचालन और रख-रखाव के लिए टेंडर डाक्यूमेंट तैयार करेगी। इस डाक्यूमेंट में सख्त नियम और जुर्माने का प्रावधान होगा और एजेंसी की परफार्मेंस को भी आधार बनाया जाएगा।

निगमायुक्त ने यह भी सुझाव दिया कि टेंडर प्रक्रिया में किसी भी एजेंसी का चयन करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि उस एजेंसी पर पहले 20 प्रतिशत से अधिक पेनाल्टी नहीं लगी हो। इस प्रकार, टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं।

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