Jammu Terror Attack: जम्मू कश्मीर में दहशत फैलाने का खतरा, प्रवासी मजदूरों पर हुआ सबसे बड़ा हमला; टीआरएफ ने ली हादसे की जिम्मेदारी

Jammu Terror Attack: जम्मू कश्मीर में दहशत फैलाने का खतरा, प्रवासी मजदूरों पर हुआ सबसे बड़ा हमला; टीआरएफ ने ली हादसे की जिम्मेदारी
Last Updated: 1 दिन पहले

कश्मीर में प्रवासी मजदूरों पर हाल ही में बढ़ते आतंकी हमले एक गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। पांच दिनों के भीतर प्रवासी मजदूरों पर दूसरा आतंकी हमला होने से घाटी में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं, खासकर उन 50 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों के लिए जो कश्मीर में काम करते हैं।

श्रीनगर: कश्मीर में हाल के आतंकी हमलों में प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाना गंभीर चिंता का विषय है। पांच दिनों के भीतर हुए दूसरे हमले ने 50,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस साल अब तक गैर-कश्मीरियों पर यह पांचवां हमला है, जो घाटी में काम करने वाले मजदूरों के लिए एक डरावना माहौल बना रहा है। यह स्थिति 2021 की घटनाओं की याद दिलाती है, जब अक्टूबर में आतंकियों ने बिहार और उत्तर प्रदेश के चार प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी थी, जिसके बाद प्रवासी मजदूरों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ था।

आतंकी समूहों का उद्देश्य घाटी में भय और अस्थिरता का माहौल बनाना है, जिससे प्रवासी मजदूरों को वहां से जाने के लिए मजबूर किया जाए और कश्मीर में चल रहे विकास कार्यों और आर्थिक गतिविधियों को बाधित किया जा सके।

आतंकवादियों ने प्रवासी मजदूरों को बनाया निशान

कश्मीर में हाल के दिनों में प्रवासी मजदूरों पर हो रहे हमले चिंताजनक रूप से बढ़ते जा रहे हैं। रविवार की रात गांदरबल जिले में श्रीनगर-लेह हाईवे पर गगनगीर इलाके में ज़ेड मोड़ सुरंग निर्माण कर रही कंपनी के मजदूरों पर आतंकियों ने हमला किया, जिसमें एक डॉक्टर और छह मजदूरों की हत्या कर दी गई। इस घटना में कश्मीरी और गैर-कश्मीरी मजदूर दोनों शामिल थे, जो इसे और भी भयावह बनाता है। यह हमला हाल के वर्षों में प्रवासी मजदूरों पर सबसे बड़ा माना जा रहा हैं।

इस वारदात से एक दिन पहले शोपियां में बिहार के मजदूर अशोक चौहान की हत्या की गई थी, जबकि आठ अप्रैल को दिल्ली के कैब चालक परमजीत सिंह पर आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद 17 अप्रैल को अनंतनाग में बिहार के रहने वाले राजू शाह की हत्या की गई थी, और फरवरी में श्रीनगर में पंजाब के दो लोगों को गोली मार दी गई थी।

कश्मीर में रहते हैं बड़ी संख्या में बाहरी मजदूर

कश्मीर में प्रवासी मजदूरों की महत्वपूर्ण भूमिका कई बड़े क्षेत्रों में देखी जाती है, जिनमें निर्माण, कृषि, और बागवानी प्रमुख हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्यों से आए ये मजदूर कश्मीर में चल रही कई प्रमुख परियोजनाओं का हिस्सा होते हैं। विशेष रूप से सेब के बगीचों में काम करने, फल पैकिंग, निर्माण परियोजनाओं, और रेलवे की योजनाओं में उनकी भागीदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।

प्रवासी मजदूर कश्मीर की अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से को चलाने में योगदान देते हैं। वे सेब की खेती से लेकर फल-सब्जियों की बिक्री तक में लगे रहते हैं, जो कश्मीर की आर्थिक रीढ़ है। इसके अलावा, कश्मीर में विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे सुरंग निर्माण, सड़कें, रेलवे, और अन्य परियोजनाओं में भी इन मजदूरों का व्यापक उपयोग होता हैं।

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