Jhansi Fire Accident: झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग की घटना में भर्ती तीन और बच्चों की मौत, 15 हुई कुल मृतक बच्चों की संख्‍या

Jhansi Fire Accident: झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग की घटना में भर्ती तीन और बच्चों की मौत, 15 हुई कुल मृतक बच्चों की संख्‍या
Last Updated: 2 दिन पहले

झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग की घटना में अब तक 15 बच्चों की जान जा चुकी है। बुधवार को तीन और बच्चों की उपचार के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था, लेकिन कुछ बच्चों की हालत गंभीर थी। इन्हीं में से तीन बच्चों ने बुधवार को दम तोड़ दिया।

उत्तर प्रदेश: झांसी मेडिकल कॉलेज के बच्चा वॉर्ड में लगी आग का कहर अभी भी जारी है। इस घटना के बाद तीन और बच्चों की मौत हो गई है। लक्ष्मी, काजल और पूजा के बच्चे, जो रेस्क्यू ऑपरेशन में बचाए गए थे, की हालत गंभीर थी। लक्ष्मी के बेटे की हालत भी गंभीर थी, और बुधवार को तीनों बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इस हादसे में अब तक कुल 15 बच्चों की मौत हो चुकी है, और कई अन्य बच्चों की स्थिति अभी भी गंभीर हैं। 

कब हुआ था यह अग्निकांड?

15 नवंबर की रात को झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग में 10 नवजात बच्चों की झुलसने से मौत हो गई थी। इस हादसे में 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। इनमें से कुछ बच्चे अपने माता-पिता के साथ अस्पताल से बाहर जा चुके थे।

रक्सा थाना क्षेत्र के ग्राम बमेर निवासी लक्ष्मी और महेंद्र के बेटे को 13 नवंबर को जिला अस्पताल में जन्म हुआ था। बच्चे की तबियत खराब होने पर चिकित्सकों ने 15 नवंबर को उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां उसे एनआईसीयू वॉर्ड में भर्ती किया गया था। बच्चे को लगातार हिचकियां आ रही थीं, और यह स्थिति और गंभीर हो गई, जिसके कारण वह भी इस हादसे की चपेट में आ गया। इस घटना के बाद प्रशासन और अस्पताल ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया था, और कई बच्चों का उपचार जारी हैं। 

अस्पताल में मौजूद व्यक्ति ने बताई घटना की आपबीती 

झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वॉर्ड में 15 नवंबर को लगी आग में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। महेंद्र और लक्ष्मी के बेटे के बारे में एक दुखद घटना सामने आई है। महेंद्र ने बताया कि जब वह और उनकी पत्नी वॉर्ड के बाहर कपड़ा बिछाकर लेटने की कोशिश कर रहे थे, तो अचानक चीखने की आवाज सुनाई दी। जैसे ही वे घटनास्थल पर पहुंचे, उन्हें पता चला कि आग लग गई हैं।  

उन्होंने एक बच्चे को बचाकर बाहर निकाला, लेकिन बाद में पता चला कि वह उनका बेटा नहीं था, बल्कि किसी अन्य परिवार का बच्चा था। उनके अपने बेटे को मेडिकल कॉलेज में लावारिस हालत में पाया गया। उनका बेटा काफी समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर था और मंगलवार की रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इसके अलावा, रक्सा थाना क्षेत्र स्थित ग्राम बाजना निवासी काजल-बॉबी के बच्चे और मऊरानीपुर निवासी पूजा-कृष्णकान्त के बच्चे की मौत भी हो गई है। सीएमएस डॉ. सचिन माहुर ने तीन बच्चों की मौत की पुष्टि की और बताया कि उनके शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। अब तक इस अग्निकांड में 10 और बीमारी के चलते 5 बच्चों की मौत हो चुकी हैं। 

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