JP Jyanti: यूपी में जेपी जयंती पर माल्यार्पण को लेकर सियासी घमासान, अखिलेश यादव ने योगी सरकार को दिया अल्टीमेटम, जानें क्या है JPNIC मामला?

JP Jyanti: यूपी में जेपी जयंती पर माल्यार्पण को लेकर सियासी घमासान, अखिलेश यादव ने योगी सरकार को दिया अल्टीमेटम, जानें क्या है JPNIC मामला?
Last Updated: 11 अक्टूबर 2024

राजधानी लखनऊ में समाजवादी चिंतक जय प्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर माल्यार्पण को लेकर सियासी विवाद छिड़ गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव JPNIC स्थित जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने इसके लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

UP News: लखनऊ में जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सियासी विवाद बढ़ गया है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के जेपी सेंटर जाने की घोषणा के बाद, पुलिस ने उनके घर के बाहर बैरिकेडिंग कर दी और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। इससे सपा के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं, जो यादव को जेपी सेंटर जाकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोकने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

सपा अध्यक्ष ने योगी सरकार को भेजा अल्टीमेज

अखिलेश यादव ने योगी सरकार को अल्टीमेटम देते हुए पूछा कि पुलिस कब तक तैनात की जाएगी, और 2027 में सरकार के जाने का संकेत दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर को बेचना चाहती है, और कहा कि अगर बेचना है तो रखरखाव ठीक से करें। उन्होंने यह भी कहा कि टीनशेड लगाकर किसी विचारधारा को नहीं रोका जा सकता।

क्या है JPNIC विवाद?

लखनऊ के जेपीएनआईसी विवाद की शुरुआत अखिलेश यादव के कार्यकाल में 860 करोड़ की लागत से बने 17 मंजिला भवन से हुई। इसके निर्माण को दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर के तर्ज पर शुरू किया गया था, लेकिन 2017 में योगी सरकार के आने के बाद आरोप लगे कि निर्माण में गड़बड़ी हो रही है, जिसके बाद काम रोक दिया गया। वर्तमान में यह भवन लखनऊ विकास प्राधिकरण के पास है, और विवाद अब इसके रखरखाव और संभावित बिक्री को लेकर बढ़ गया है।

क्या है इस प्रॉपर्टी की खासियत?

17 मंजिला जेपीएनआईसी में जयप्रकाश नारायण से संबंधित एक म्यूजियम, 100 कमरों का गेस्ट हाउस, बैडमिंटन और लॉन टेनिस कोर्ट, और एक आल वेदर स्विमिंग पूल है। इसके 17वें मंजिल पर हेलिपैड का भी निर्माण किया गया है। हालांकि, पिछले सात वर्षों से यह भवन बंद पड़ा है और वहां खर-पतवार उग चुकी है। अखिलेश यादव का आरोप है कि सरकार इस बिल्डिंग को बेचना चाहती है और उन्होंने सरकार से रखरखाव करने की अपील की है।

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