16 अगस्त को एडवोकेट उज्जवल गौड़ और रोहित पांडे ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कोलकाता घटना का स्वतः संज्ञान लेने की अपील की है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई 20 अगस्त को करेगी।
नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से रेप-हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अब स्वत: संज्ञान लिया है। 9 अगस्त को हुई इस अत्यंत दुखद घटना ने देश भर में भारी आक्रोश पैदा कर दिया, जिसके कारण कई राज्यों में मेडिकल पेशेवरों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का ऐलान किया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 20 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगी।
20 अगस्त को होगी मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट का यह हस्तक्षेप बढ़ते प्रदर्शनों और जनदबाव के बीच में हुआ है। दरअसल शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले दो वकीलों और तेलंगाना के एक डॉक्टर ने CJI चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया।
सीबीआई कर रही मामले की जांच
जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है। इस हादसे के बाद से भारत में चिकित्सा पेशेवरों, विशेषकर महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं। कोलकाता में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया था। इस अपराध के संबंध में एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है। हालांकि पीड़िता के परिवार और प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह एक सामूहिक बलात्कार का मामला है और वे इस मामले की गहन जांच की मांग कर रहे हैं।
IMA की देशव्यापी हड़ताल है जारी
जानकारी के मुताबिक शव के पोस्टमार्टम से यह पुष्टि हुई है कि पीड़िता के साथ उसके मृत्यू से पहले यौन उत्पीड़न किया गया था। भारत में डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मृत डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की है। शनिवार को आईएमए ने एक देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया और सभी गैर-जरूरी चिकित्सा सेवाओं को 24 घंटे के लिए निलंबित कर दिया।