कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के मामले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में उल्लेख किया है कि मैंने इस मामले में अपराधियों को सख्त सजा देने की आवश्यकता के बारे में बताया था। इस तरह के गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर आपकी ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैं।
बंगाल: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ कुछ दिन पहले हुई दरिंदगी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार पत्र लिखकर दुष्कर्म और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए सख्त सजा के लिए एक कठोर केंद्रीय कानून बनाने और मामलों के निपटारे के लिए निश्चित समय सीमा निर्धारित करने की मांग की है। ममता ने इससे पहले 22 अगस्त को भी इस विषय पर पीएम को पत्र लिखा था। उन्होंने गुरुवार को भेजे गए दो पन्नों के पत्र में आरोप लगाया है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर केंद्र की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही हैं।
सीएम ममता ने कड़े केंद्रीय कानून बनाने के लिए मोदी जी से की मांग
सीएम ममता ने पत्र में कहा है कि इस प्रकार के गंभीर और संवेदनशील मुद्दों का समाधान कड़े केंद्रीय कानून के माध्यम से व्यापक तरीके से किया जाना आवश्यक है, ताकि इन जघन्य अपराधों में संलिप्त व्यक्तियों को कड़ी सजा मिल सके। ममता ने इन मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतों (फास्ट ट्रैक कोर्ट) की स्थापना की मांग भी दोहराई है। उन्होंने यह भी कहा कि त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए 10 से 15 दिनों के भीतर मुकदमे की सुनवाई पूरी होनी चाहिए।
'संवेदनशील मुद्दे पर अभी तक आपकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला' - ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने पत्र में आगे लिखा, "मैंने इस मामले में अपराधियों को कड़ी सजा देने की आवश्यकता के बारे में बताया था। इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर आपकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।" उन्होंने लिखा, "महिला एवं बाल विकास मंत्री से मुझे जो जवाब मिला है, उसमें पत्र में उठाए गए मुद्दे की गंभीरता का hardly उल्लेख किया गया है। मेरा मानना है कि इस सामान्य उत्तर को भेजते समय विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता को ठीक से नहीं समझा गया है। इतना ही नहीं, मैं इस क्षेत्र में हमारे सरकार द्वारा की गई कुछ महत्वपूर्ण पहलों का भी उल्लेख करना चाहूंगी, जिन्हें उत्तर में मोदी जी द्वारा नजरअंदाज किया गया हैं।"
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने 10 विशेष POCSO अदालतों को स्वीकृति दी है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य में 88 फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें और 62 POCSO-निर्धारित अदालतें कार्यरत हैं, जिनका पूरा वित्तपोषण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही, इन अदालतों के मामले निपटाने और उनके संचालन की पूरी जिम्मेदारी भी इन्हीं अदालतों के पास हैं।
सीएम ममता ने केंद्र पर लगाया बंगाल में अशांति फैलाने का आरोप
बता दें कुछ दिन पहले तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित एक रैली में ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि आरजी कर मामले में कुछ लोग अपनी राजनीतिक पार्टी का इस्तेमाल करके बंगाल में अशांति फैलाने के लिए प्रयासरत हैं। ममता बनर्जी ने कहा, "याद रखिए, अगर आप बंगाल को जलाएंगे, तो असम, उत्तर-पूर्व, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी इससे बहुत प्रभावित होंगे। हम आपकी (पीएम) कुर्सी को हिला कर रख देंगे।"