लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने के फैसले पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया, जानें क्या बोले?

लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने के फैसले पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया, जानें क्या बोले?
Subkuz.com
Last Updated: 03 फरवरी 2024

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की हैं.

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साईट  'X' पर लिखा "मुझे यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि देश के वरिष्ठतम नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. मैंने इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी."

जानकारी के अनुसार 23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की गई थी. केंद्र सरकार एक साल में अधिकतम तीन लोगों को भारत रत्न का सम्मान दे सकती हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद शनिवार (3 फरवरी 2024) को श्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की. मोदी जी ने लिखा कि, "हमारे दौर के सबसे सम्मानित राजनेताओं में शामिल आडवाणी जी का भारत के विकास में योगदान उल्लेखनीय है. उन्होंने अपने जीवन में जमीनी स्तर से शुरुआत करके उप-प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की.’’ 

पीएम ने कहां कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है की आडवाणी जी को भारत रत्न देने का फैसला लिया गया. 'मुझे उनके साथ कई बार काम करने का मौका मिला, उन्होने अपने जीवन के कई साल जनता की सेवा में गुजार दिए. उन्होंने राष्ट्रीय एकता और देश उत्थान के लिए काम किया |

लालकृष्ण आडवाणी की आरएसएस से नजदीकी

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप-प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी (96 वर्ष) ने 1990 में श्री राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व किया था. विश्व हिन्दू परिषद द्वारा अयोध्या, मथुरा और काशी के मंदिरों 'मुक्त कराने का' का अभियान चलाया गया. लालकृष्ण आडवाणी ने इस अभियान के तहत 25 सितंबर को सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकली थी |

जानकारी के अनुसार आडवाणी जी पर मस्जिद गिराने की साजिश का मुकदमा चलाया गया था. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रथ यात्रा के दौरान 23 अक्टूबर को आडवाणी जी को गिरफ्तार कर लिया था.

Subkuz.com के पत्रकार को प्राप्त जानकारी के अनुसार लालकृष्ण आडवाणी जी बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Really Simple Syndication - RSS) के साथ जुड़े हुए है. आडवाणी जी ने बताया कि "मुझे आरएसएस ने सिखायां की कभी भी गलत कामो को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. देश और राष्ट्र के प्रति निष्ठा रखनी चाहिए |

 जानकारी के अनुसार पत्रकार ने Subkuz.com को बताया कि आडवाणी जी के राजनीतिक जीवन में कोई दाग नहीं था. राममन्दिर आंदोलन के दौरान देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और आरएसएस परिवार का आशीर्वाद होने के कारण 1995 में आडवाणी जी प्रधानमंत्री बन सकते थे, लेकिन उन्होंने कहां कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी से बड़ा नेता कोई नहीं हैं |

पीएम मोदी और आडवाणी का रिश्ता कैसा है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2012 तक आडवाणी जी के लेफ्टिनेंट की भूमिका में रहे. लेकिन वर्ष 2014 में आडवाणी और मोदी में दूरियां बढ़ने लगी थी. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी ने 1984 में दो सीटों पर सिमटी बीजेपी को जमीन से उठाकर 1998 पहली बार सत्ता का स्वाद चखाया। वर्ष 2004 और 2009 की लगातार दो हार के बाद आडवाणी जी की जगह उनके नक्शे कदम पर चलने वाले नरेंद्र मोदी ने ले ली थी |

जेकरि के अनुसार वर्ष 2003 में गुजरात दंगों के बाद 'राजधर्म' नहीं निभा पाने के कारण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र मोदी को इस्तीफा देने की लिए कहा था. उस दौरान मोदी के सबसे बड़े समर्थक लालकृष्ण आडवाणी ने उनसे कहां- ऐसा मत कीजिए, बवाल हो जाएगा। उसके बाद 2013 में लालकृष्ण आडवाणी ने बीजेपी और आरएसएस से विनती की- मोदी को पीएम कैंडिडेट नहीं बनाएं |

 

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