तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार शांतिराम महतो के समर्थन में रविवार (7 अप्रेल) को पुरुलिया के लधुड़का में आयोजित जनसभा के दौरान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भाषण के दौरान विपक्ष पार्टी पर तंज कसा है और केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा हैं।
पुरुलिया: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को शांतिराम महतो के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग के साथ-साथ विभिन्न केंद्रीय जांच एजेंसियों की आलोचना करते हुए उनपर कटाक्ष किया है। रविवार को तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी शांतिराम महतो के समर्थन में पुरुलिया के लधुड़का में एक जनसभा का आयोजित किया गया था वहां पर मुख्य प्रचारक के तोर पहुंची ममता बनर्जी ने कहां कि केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार को भ्रष्टाचारी, बेईमान और घूसखोर साबित करने के लिए अब तक कुल 134 जांच समितियों को भेज दिया गया हैं, लेकिन अभी तक एक भी एजेंसी इस मामले में रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर पाई, क्योकि उन्हें कुछ ऐसा गलत मिला ही नहीं जिसे वह दुनिया को बता सकें।
सीएम ने EC को क्यों किया सैल्यूट?
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहां कि केंद्र सरकार अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए विभिन्न जांच एजेंसियों का गलत काम करने के लिए मजबूर कर रही है। केंद्र सरकार ने जांच एजेंसी को एक लक्ष्य दिया है कि तृणमूल कांग्रेस के सभी बूथ कमेटी के अध्यक्ष को गिरफ्तार करके जेल में डालना। चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए CM ममता ने कहां कि मैं आपको सैल्यूट करती हूं, भारतीय जनता पार्टी और अन्य सभी पार्टी भी आपको रोज सैल्यूट करती है, हम सब चुनाव आयोग निष्पक्ष होकर काम करने की अपील करते है। अगर भारत का लोकतंत्र पूरी तरह खत्म हो जाएगा तो पूरे विश्व की जनता चुनाव आयोग को कभी माफ नहीं करेगी।
कांग्रेस पर किया हल्ला बोल
मुख्यमंत्री ममता ने सभा को संबोधित करते हुए कहां कि बंगाल में कांग्रेस, माकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी - मार्क्सवादी) और भारतीय जनता पार्टी सभी मिलकर तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ एक मत होकर चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। इन सभी पार्टियों का एक ही लक्ष्य है की किसी भी प्रकार, ताकत, बेईमानी आदि का उपयोग करके तृणमूल कांग्रेस को पराजित करना है। सीएए के संबंध में उन्होंने जनता से अपील की कि कोई भी इसके लिए आवेदन नहीं करें। यदि कोई ऐसा करता है तो उसकी केंद्र सरकार भारत की नागरिकता खत्म कर देगा। जैसा कि असम में हो चूका था। एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) के बाद असम में रहने वाले लोगों को विदेशी करार दे दिया गया था।