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Mahakumbh Stampede: महाकुंभ भगदड़ के बाद अफसरों को हटाने की मांग, लापरवाही का आरोप, जानिए पूरा मामला 

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महाकुंभ में हुई भगदड़ में 40 श्रद्धालुओं की मौत के बाद मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुका है, जबकि कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।

Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में हुए महाकुंभ मेले में भगदड़ की घटना में 40 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। अब इस मामले में मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इस घटना के लिए मेला व्यवस्था से जुड़े प्रमुख अफसर जिम्मेदार हैं। 

शिकायतकर्ता ने इन अफसरों को तत्काल हटाने की मांग की है, क्योंकि इन अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि इन अधिकारियों के रहते निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती, क्योंकि वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं, सबूतों को नष्ट कर सकते हैं और मामले को दबा सकते हैं।

लापता व्यक्तियों के लिए एफआईआर की मांग

शिकायत में यह भी कहा गया है कि मेला क्षेत्र में लगे सभी सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित किया जाए, ताकि घटनाओं को छिपाने का प्रयास न किया जा सके। साथ ही, भगदड़ में लापता हुए व्यक्तियों के परिवारों के लिए एफआईआर दर्ज की जाए। शिकायतकर्ता ने यह भी मांग की है कि अगर लापता व्यक्ति का पता नहीं चलता, तो सात साल बाद उन्हें मृत मान लिया जाए और उनके परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही, जिन अधिकारियों पर तथ्यों को छिपाने का आरोप है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

कानूनी कार्रवाई और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी पर सवाल

शिकायत में यह भी पूछा गया है कि इस घटना के दौरान कितने पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे और कितने अपने ड्यूटी पॉइंट पर सक्रिय थे। इस पर भी जांच की मांग की गई है। इस शिकायत को इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट डॉ० गजेंद्र सिंह यादव ने दर्ज कराया है। यूपी के राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस शिकायत को स्वीकार कर लिया है और जल्द ही इस पर सुनवाई करने की संभावना है।

सीबीआई जांच की मांग और हाईकोर्ट में याचिका

यूपी सरकार ने पहले ही इस मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इसके साथ ही, मामले की सीबीआई जांच और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में लेटर पिटीशन भी दाखिल की जा चुकी है। इस भगदड़ हादसे में करीब 40 लोगों की मौत की अधिकारिक पुष्टि हो चुकी है, और इस मामले में अब सख्त कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

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