Maharashtra Election 2024: सुप्रिया सुले ने अजित पवार के साथ आने को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- 'हम कांग्रेस के साथ हैं और वे...'

Maharashtra Election 2024: सुप्रिया सुले ने अजित पवार के साथ आने को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- 'हम कांग्रेस के साथ हैं और वे...'
Last Updated: 07 नवंबर 2024

सुप्रिया सुले ने बारामती सीट पर अजित पवार और उनके भतीजे युगेंद्र पवार के बीच के संघर्ष को महज एक वैचारिक लड़ाई बताया है। उन्होंने कहा, "हम कांग्रेस के साथ हैं, जबकि अजित पवार भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। चूंकि हम भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए हम स्वाभाविक रूप से उनके सहयोगियों का भी मुकाबला कर रहे हैं।"

मुंबई: एनसीपी (शरद पवार गुट) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने अपने चचेरे भाई अजित पवार के साथ राजनीतिक गठजोड़ की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब दोनों के बीच राजनीतिक मेल-मिलाप की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि यह लड़ाई विचारधारा की है। सुले ने कहा कि अजित पवार और उनकी पार्टी अब भाजपा की सहयोगी हैं, इसलिए दोनों के बीच वैचारिक मतभेद रहेंगे। उन्होंने आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर होने की भी बात कही और यह स्पष्ट किया कि वे खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल नहीं मानती हैं। सुले का यह बयान उनके और अजित पवार के बीच गहरे राजनीतिक मतभेदों को उजागर करता है, जो महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभा सकता हैं।

सुप्रिया सुले ने कहा कि...

अजित पवार द्वारा शरद पवार के नेतृत्व के खिलाफ बगावत के बाद एनसीपी दो गुटों में विभाजित हो गई थी। अजित पवार का गुट अब भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन का हिस्सा है, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी (एसपी) गुट महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल है। हाल ही में, जब सुप्रिया सुले से अजित पवार गुट के शरद पवार के साथ दोबारा जुड़ने की संभावना पर सवाल किया गया, तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया। सुले ने कहा कि फिलहाल यह मुश्किल है कि अजित पवार फिर से शरद पवार के साथ राजनीतिक रूप से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि दोनों गुटों के बीच विचारधारा की लड़ाई सबसे बड़ी बाधा है और जब तक अजित पवार भाजपा के साथ हैं, तब तक दोनों के मिलकर काम करने की संभावना बेहद कठिन हैं।

सुप्रिया सुले ने सीएम पद की रेस में होने से किया साफ इनका

सुप्रिया सुले ने मुख्यमंत्री पद की संभावित दावेदारी को लेकर पूछे गए सवालों पर स्पष्ट किया कि वह खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं मानतीं और एनसीपी (एसपी) ने भी यह स्पष्ट किया है कि वे मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ेगी और कोई भ्रम नहीं रखना चाहती। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सुले ने कहा कि हाल के लोकसभा चुनाव परिणामों ने यह साबित कर दिया है कि लोगों को यह समझ में गया है कि राजनीतिक दलों को अवैध तरीके से विभाजित किया गया और उन्हें जनता पर अवैध रूप से थोपा गया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी की इस संघर्ष में लड़ाई जारी रहेगी।

बारामती सीट को लेकर, सुप्रिया सुले ने अजित पवार और उनके भतीजे युगेंद्र पवार के बीच के विवाद को एक वैचारिक लड़ाई करार दिया। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के साथ हैं, जबकि अजित पवार भाजपा के साथ हैं और उनकी पार्टी भाजपा और उनके सहयोगियों के खिलाफ संघर्ष में जुटी रहेगी।

महिलाओं को मिलेंगे 1500 रूपये - सुप्रिया सुले

एनसीपी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन के पक्ष में लाडकी बहिन योजना को लेकर बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि महायुति सरकार की इस योजना के विरोध में नहीं हैं, बल्कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे इस योजना के तहत महिलाओं को दी जा रही वित्तीय सहायता को और बढ़ाएंगे। लाडकी बहिन योजना के तहत, 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक पारिवारिक आय वाली महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसे आगामी चुनाव में गेमचेंजर माना जा रहा हैं।

सुले ने इस योजना के प्रभाव पर बात करते हुए कहा कि महिलाओं को 1,500 रुपये मिल रहे हैं, लेकिन वर्तमान में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, खाद्य मुद्रास्फीति और राज्य की गिरती जीडीपी के कारण महिलाएं और उनके परिवार अधिक आर्थिक दबाव में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं इस समय अपराधों का सामना कर रही हैं। सुले ने कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई संजय गांधी निराधार योजना का उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी पार्टी ने हमेशा जरूरतमंदों की मदद की है, बिना किसी प्रचार के। वे इस योजना के तहत दी जा रही वित्तीय मदद को बढ़ाने का वादा करती हैं, अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती हैं।

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