Maharashtra Politics: संजय राउत ने MVA गठबंधन पर दिया नया बयान, BMC चुनाव में अकेले लड़ने का किया ऐलान

Maharashtra Politics: संजय राउत ने MVA गठबंधन पर दिया नया बयान, BMC चुनाव में अकेले लड़ने का किया ऐलान
Last Updated: 5 घंटा पहले

BMC चुनाव में अकेले लड़ने और कांग्रेस पर हमला बोलने के बाद संजय राउत ने अपने बयान पर सफाई दी, कहा कि उनकी पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय लिया है।

Maharashtra: शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के सुर अब बदलते हुए नजर आ रहे हैं। पहले उन्होंने बीएमसी चुनाव में अकेले लड़ने का निर्णय लिया था और कांग्रेस पर हमले किए थे, लेकिन अब उनके तेवर नरम हो गए हैं। राउत ने कहा कि उनकी पार्टी अपना आधार मजबूत करने के लिए स्थानीय निकाय चुनावों में अकेले उतरना चाहती है, लेकिन उन्होंने कभी भी विपक्षी गठबंधन और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को भंग करने की बात नहीं की थी।

राउत की सफाई

राउत की यह टिप्पणी उनके पहले के बयान के बाद आई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई नगरपालिका चुनाव अकेले लड़ेगी। इस बयान के बाद विपक्षी गठबंधन की एकता पर सवाल उठने लगे थे। राउत ने अब अपने बयान पर सफाई दी और कहा कि उनकी टिप्पणी को पूरी तरह से सुना जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि एमवीए का गठन विधानसभा चुनावों के लिए किया गया था, जबकि लोकसभा चुनावों के लिए इंडी गठबंधन गठित किया गया था। स्थानीय निकाय चुनाव जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने के लिए हैं।

गठबंधन की एकता पर सवाल उठाना

राज्यसभा सांसद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस की वजह से इंडी गठबंधन में दरार आई है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस ने एक भी बैठक नहीं बुलाई और कोई रणनीति भी नहीं बनाई। राउत ने यह भी कहा कि कई बड़े नेता जैसे उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, और अरविंद केजरीवाल ने यह कहा कि अब गठबंधन का कोई अस्तित्व नहीं है, और यदि ऐसा है, तो इसकी जिम्मेदार कांग्रेस है।

एमवीए गठबंधन का जिक्र

एमवीए गठबंधन में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी शामिल हैं। जब कांग्रेस नेताओं ने राउत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी, तो राउत ने कहा कि पुरानी पार्टी के सदस्यों को उनकी पूरी टिप्पणी सुनने के बाद ही प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

निरंतर बदलते राजनीतिक समीकरण

शिवसेना (यूबीटी) के सुर बदलने और राउत की सफाई ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल उठाए हैं। अब यह देखना होगा कि इस बयानबाजी का असर आगामी बीएमसी चुनावों और एमवीए गठबंधन की स्थिति पर क्या पड़ता है।

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