पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले बढ़ रहे हैं, कुल मामले 100 पार पहुंचे। 17 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जबकि सोलापुर में एक मरीज की मौत हो गई।
Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र के पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा है। अब तक इस दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी के 100 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है, और 17 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस बीमारी के कारण सोलापुर में एक मरीज की मौत हो गई है। यह मरीज पहले पुणे में संक्रमित हुआ था और बाद में सोलापुर पहुंचा था।
सोलापुर में संदिग्ध मौत और पुणे में बढ़ते मामले
पुणे, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे ग्रामीण और आसपास के जिलों में गिलियन-बैरे सिंड्रोम के 18 संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है। पुणे नगर निगम (PMC) के अधिकारियों ने बताया कि पुणे के विभिन्न अस्पतालों में 101 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 16 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। इनमें 68 पुरुष और 33 महिलाएं शामिल हैं। इन मरीजों में से 19 मरीज 9 साल से कम उम्र के हैं, जबकि 15 मरीज 10-19 आयु वर्ग के हैं।
पानी के स्रोतों की जांच
स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्ध स्रोतों की जांच शुरू की है, जिसमें पानी के नमूनों का रासायनिक और जैविक विश्लेषण किया जा रहा है। पुणे के विभिन्न क्षेत्रों से पानी के नमूने भेजे गए हैं, और हाल ही में यह पता चला है कि 11 मल के नमूनों में से 9 में नोरोवायरस संक्रमण का पता चला है। इसके अलावा, 3 नमूनों में कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया संक्रमण की पुष्टि हुई है।
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेंद्र भोसले ने यह भी बताया कि पुणे के कुछ क्षेत्रों में कुएं के पानी का सैंपल लिया गया है और उसे भी परीक्षण के लिए भेजा गया है। अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से पानी उबालकर पीने की सलाह दी है ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके।
जीबीएस के बारे में जानकारी
गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिसके कारण कमजोरी, सुन्नता या पक्षाघात हो सकता है। इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में हाथों और पैरों में कमजोरी और झुनझुनी होती है, जो तेजी से बढ़ सकती है और पक्षाघात का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि GBS का इलाज महंगा होता है, क्योंकि एक इंजेक्शन की कीमत 20,000 रुपये तक हो सकती है।
पुणे में मुफ्त इलाज की घोषणा
पुणे में GBS के बढ़ते मामलों को देखते हुए, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह घोषणा की है कि GBS से पीड़ित मरीजों का इलाज मुफ्त में किया जाएगा। इसके अलावा, मरीजों को दवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। इस कदम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी मरीज इलाज से वंचित न रहे।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य विभाग ने पुणे में 25,578 घरों का सर्वेक्षण किया है और जीबीएस मामलों के कारणों का पता लगाने के लिए निरंतर अध्ययन किया जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि पानी के स्रोतों के अलावा अन्य संभावित कारणों की जांच की जा रही है, ताकि इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके।
इसके अलावा, पुणे नगर निगम ने कमला नेहरू अस्पताल में 15 आईसीयू बेड तैयार किए हैं, जहां जीबीएस से प्रभावित मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। PMC ने 4 सहायक चिकित्सा अधिकारियों को निजी अस्पतालों की स्थिति पर नजर रखने और मरीजों की मदद करने के लिए तैनात किया है।