Maharashtra Politics: औरंगजेब की मजार विवाद पर CM फडणवीस का बयान, कहा- ‘सब सहमत, लेकिन…’

Maharashtra Politics: औरंगजेब की मजार विवाद पर CM फडणवीस का बयान, कहा- ‘सब सहमत, लेकिन…’
अंतिम अपडेट: 9 घंटा पहले

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल शासक औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग जोरों पर है। इस मुद्दे पर अब राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सभी लोग इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन यह कार्य कानून के दायरे में ही किया जाना चाहिए।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। विवाद अब छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग तक पहुंच चुका है। इस मुद्दे पर अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रतिक्रिया दी है। फडणवीस ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में लोग मानते हैं कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की मजार को हटाया जाना चाहिए, लेकिन यह कार्य कानून के दायरे में रहकर ही किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार इस मामले को लेकर संवैधानिक और कानूनी प्रक्रिया का पालन करेगी।

छत्रपति शिवाजी के वंशज ने उठाई मांग

भाजपा सांसद और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने हाल ही में इस मजार को हटाने की मांग की थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “हम सभी इस मुद्दे पर एकमत हैं, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई होनी चाहिए। यह स्थान पहले कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में दिया गया था।”

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आजमी ने औरंगजेब की प्रशंसा करते हुए विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि "औरंगजेब ने कई मंदिरों का निर्माण कराया था और वे एक न्यायप्रिय शासक थे।" उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई और भाजपा सहित कई अन्य संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया।

अबू आजमी पर कार्रवाई

अबू आजमी के बयान को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया और उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा से 26 मार्च तक निलंबित कर दिया गया। हालांकि, बढ़ते विरोध के बाद उन्होंने अपने बयान को वापस लेते हुए कहा, “अगर मेरी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं उसे वापस लेता हूं।” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले समय में और तूल पकड़ सकता हैं।

राज्य सरकार को इस मामले में बड़ा फैसला लेना पड़ सकता है, क्योंकि कई संगठन औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा हैं।

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