महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले अजय अशर को 'MITRA' (Maharashtra Institute for Transformation) संस्था के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया हैं।
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले अजय अशर को 'MITRA' (Maharashtra Institute for Transformation) संस्था के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। उनकी जगह एनसीपी नेता दिलीप वलसे पाटिल और बीजेपी नेता राणा जगजीत सिंह पाटिल को नियुक्त किया गया है। इस फैसले को शिंदे गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा हैं।
क्या है 'MITRA' और क्यों है अहम?
नीति आयोग की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार ने 2022 में 'MITRA' संस्था का गठन किया था। इसका उद्देश्य राज्य में विकास योजनाओं और नीतिगत सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू करना है। जब एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद संभाला, तब उन्होंने अपने करीबी और बिल्डर अजय अशर को इस संस्था का उपाध्यक्ष बनाया था। अब फडणवीस द्वारा उन्हें हटाने का फैसला सीधे तौर पर शिंदे गुट की ताकत को कमजोर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा हैं।
फडणवीस का ‘मास्टरस्ट्रोक’ या बढ़ती खींचतान?
महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) के गठबंधन की सरकार है, लेकिन हाल ही में फडणवीस और शिंदे के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद की खबरें सामने आई थीं। हालांकि, फडणवीस ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा था कि उनकी और शिंदे की जोड़ी मजबूत है। बावजूद इसके, अजय अशर को हटाना सियासी गलियारों में इस बात का संकेत दे रहा है कि अंदरूनी टकराव गहराता जा रहा हैं।
इस बदलाव के बाद शिंदे समर्थकों में नाराजगी देखी जा सकती है। अजय अशर को हटाकर एनसीपी और बीजेपी नेताओं को नियुक्त करने से यह भी स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र में सत्ता समीकरण बदल रहे हैं।