मणिपुर में हिंसा के बीच राष्ट्रपति शासन लागू। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए कहा कि केंद्र सरकार को हालात की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
Manipur President Rule: मणिपुर में जारी हिंसा और राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति शासन (Manipur President Rule) लागू कर दिया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा ने पार्टी विधायकों के साथ कई दौर की चर्चा की, लेकिन अब तक नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बन सकी है।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार
मणिपुर में जारी संकट को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा पिछले 11 वर्षों से केंद्र में और 8 वर्षों से मणिपुर में सत्ता में है, इसके बावजूद राज्य में स्थिरता नहीं ला सकी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है।
खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा, "आपकी सरकार ही राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा गश्ती के लिए जिम्मेदार है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाना यह दर्शाता है कि आपकी पार्टी की सरकार नाकाम रही। यह आपकी असफलता की स्वीकृति है।" उन्होंने आगे कहा, "डबल इंजन सरकार मणिपुर की निर्दोष जनता की जान पर बन आई है। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मणिपुर में जाकर पीड़ितों के दर्द को समझें और उनसे माफी मांगें।"
राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी मणिपुर के हालात को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा वहां शासन करने में पूरी तरह विफल रही है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।"
राहुल ने आगे कहा, "क्या अब प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा करेंगे और वहां शांति बहाल करने की अपनी योजना देश को बताएंगे? मणिपुर की जनता भाजपा को इस नाकामी के लिए माफ नहीं करेगी।"
मणिपुर के राजनीतिक हालात पर कांग्रेस का बयान
मणिपुर में कांग्रेस विधायक थोकचोम लोकेश्वर ने भाजपा के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी के विधायकों से चर्चा कर संबित पात्रा को नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
गौरतलब है कि 12वीं मणिपुर विधानसभा का पिछला सत्र 12 अगस्त 2024 को समाप्त हुआ था। वहीं, आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सातवें सत्र को राज्यपाल ने निरस्त कर दिया है। ऐसे में मणिपुर का राजनीतिक संकट और गहरा गया है।