साकेत कोर्ट ने मेधा पाटकर को एक लाख रुपये जुर्माना और प्रोबेशन बांड भरने के बाद रिहा किया। यह मामला 23 साल पुराना है, जिसमें उन्होंने वीके सक्सेना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
Delhi News: साकेत कोर्ट ने मेधा पाटकर को कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट मामले में रिहा कर दिया। उन्होंने प्रोबेशन बांड भरने और एक लाख रुपये का जुर्माना देने के बाद जमानत हासिल की।
23 साल पुराना मामला
यह मामला 23 साल पुराना है, जिसमें मेधा पाटकर ने वीके सक्सेना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसके बाद वीके सक्सेना ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
कोर्ट का आदेश
23 अप्रैल 2025 को साकेत कोर्ट ने मेधा पाटकर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने प्रोबेशन बांड और जुर्माना भरने का आदेश दिया था, जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया।
वीके सक्सेना की ओर से मामला
वीके सक्सेना ने पाटकर के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था, जिसमें 8 अप्रैल 2025 को मेधा पाटकर को दोषी ठहराया गया और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना और बांड जमा करने के बाद कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया।
मेधा पाटकर ने आरोप लगाया था कि वीके सक्सेना की भ्रष्टाचार में संलिप्तता के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह बातें साझा की थीं।