MP News: जस्टिस सुरेश कुमार कैत बने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल मंगूभाई ने राजभवन में दिलाई गोपनीयता की शपथ

MP News: जस्टिस सुरेश कुमार कैत बने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल मंगूभाई ने राजभवन में दिलाई गोपनीयता की शपथ
Last Updated: 7 घंटा पहले

मध्य प्रदेश के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सुरेश कुमार कैत को शपथ दिलाई गई है। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उन्हें यह शपथ दिलाई। जस्टिस कैत का जन्म हरियाणा के कैथल जिले के काकौत गांव में हुआ है। वे पहले दिल्ली, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और कानून की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। उनके अनुभव से मध्य प्रदेश की न्याय व्यवस्था को और मजबूत बनाने की उम्मीद की जा रही हैं।

भोपाल: जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 28वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में बुधवार को शपथ ली। यह समारोह राजभवन में आयोजित किया गया, जहां राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और अन्य मंत्री भी उपस्थित थे। जस्टिस कैत की नियुक्ति 21 सितंबर को की गई थी, और यह पद 24 मई 2024 से खाली था। उनके अनुभव और कुशल नेतृत्व से मध्य प्रदेश की न्यायिक प्रणाली को और मजबूती मिलने की उम्मीद हैं।

जस्टिस सुरेश हरियाणा के कैथल जिलें के है निवासी

जस्टिस सुरेश कुमार कैत हरियाणा के कैथल जिले के काकौत गांव में 24 मई 1963 को जन्मे हैं। उन्होंने अपनी कानून की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने 1989 में बतौर अधिवक्ता पंजीकरण कराया और न्याय क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत की। उनके अनुभव और विशेषज्ञता ने उन्हें न्यायपालिका में महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में मदद की हैं।

सुरेश कुमार कैत का करियर

जस्टिस सुरेश कुमार कैत को 5 सितंबर 2008 को दिल्ली हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया। इसके बाद, उन्हें 12 अप्रैल 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। जस्टिस कैत ने 12 अप्रैल 2016 से हैदराबाद स्थित तेलंगाना और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दीं। बाद में, उनका तबादला 12 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट में कर दिया गया। उनकी न्यायिक यात्रा में इन महत्वपूर्ण पदों ने उनके अनुभव को और बढ़ाया और अब वे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं।

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