नए संसद भवन का उद्घाटन सम्पन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन, कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने किया उद्घाटन का बायकॉट : स्पेशल स्टोरी

नए संसद भवन का उद्घाटन सम्पन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन, कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने किया उद्घाटन का बायकॉट : स्पेशल स्टोरी
Last Updated: 28 मई 2023

नए  संसद भवन का उद्घाटन सम्पन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन, कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने किया उद्घाटन समारोह का बायकॉट : स्पेशल स्टोरी 

आज 28 मई को नए  संसद भवन का उद्घाटन सम्पन हो गया, राजनीति से परे अगर देखा जाये तो संसद भवन देश के लिए सबसे महत्वपीर्ण इमारत है, और इसके उद्घाटन सम्पन होने पर subkuzcom देश की जनता को बधाई देता है। आज हम संसद भवन से जूस सभी पहलुओं को एकसाथ लेकर आये है, ज्ञात हो की नए संसद भवन का किसी न किसी रूप में विरोध या कोई न कोई विवाद इसके साथ होता ही रहा है। 

नया संसद भवन

  • नए संसद भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कराया गया है। 
  • पुरे प्रोजेक्ट पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होने हैं। 
  • नए संसद भवन में लोकसभा भवन में सीटों की क्षमता 888 है, पुराने में 552 थी। 
  • नए राज्यसभा के भवन हॉल में सीटों की क्षमता 384 है, पुराने में 250 थी। 
  •  जब नए संसद भवन में संयुक्त बैठक होगी तो संयुक्त बैठक के दौरान 1272 के बैठने की सुविधा है। 
  •  नए संसद भवन में सभी सांसदों को एक ऑफिस दिया जाएगा, ऑफिस आप तो डेट डिजिटल सुविधाओं से लैस होगी, पेपरलेस काम को दिया जाएगा बढ़ावा। 
  • नए संसद भवन में एक भव्य संविधान हॉल है, इस हॉल में भारतीय लोकतांत्रिक विरासत को बड़ी ही सुंदरता से दर्शाया गया है, और भारतीय संविधान की मूल कॉपी को भी यहाँ रखा गया है। 

नए संसद भवन में एक लाइब्रेरी, कैंटीन एरिया, सांसदों के लिए एक बड़ा लॉबी हॉल और बड़ी छमता वाली पार्किंग एरिया है। 

यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 64,500 वर्ग मीटर में  बना है, पुराना संसद भवन करीब 47 हजार 500 वर्ग मीटर में  बना है, नया पुराने से 17,000 वर्ग मीटर ज्यादा है.

पुराने संसद भवन को करीब 100 साल बिट चुके हैं, जब पुराना संसद भवन बना था तो उस समय बहोत साड़ी तकनीक नहीं होती थी, जिस वजह से आज के वक़्त में काम करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकार के हिसाब से उनका कहना था की आजादी से पहले जब संसद भवन बना था, उस समय कई चीजों का ध्यान आज के हिसाब से नहीं रखा गया था, जैसे की, सीवर लाइन, एयर कंडीशनिंग,फायर फाइटिंग, सीसीटीवी की लेने केबल, ऑडियो और वीडियो सिस्टम और उनके लिए जरुरी केबल्स, क्यों की उस वक़्त की तकनीक और आज के तकनीक में बहोत ही ज्यादा अंतर हो चुका है . समय के साथ पुराने संसद भवन में टाइम टाइम पर काम होता ही रहा है और इन्हें जोड़ा गया, लेकिन उससे बात पूरी तरह नहीं बानी और पुराने संसद भवन में सीलन जैसी समस्याएं भी हो गई, आग लगने का भी खतरा ज्यादा हो गया . 

नया संसद भवन अब अगले 100 सालों तक या उससे भी ज्यादा वक़्त तक देश को सर्व करेगा .

 

 

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