New Delhi: रूस के पाकिस्तान के साथ बढ़ते संबंध, भारत को झटका देने वाली संभावनाएं बनी चर्चा का विषय

New Delhi: रूस के पाकिस्तान के साथ बढ़ते संबंध, भारत को झटका देने वाली संभावनाएं बनी चर्चा का विषय
Last Updated: 19 सितंबर 2024

भारत के कट्टर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के साथ रूस अपने संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इसी के चलते, पाकिस्तान और रूस ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और वित्तीय लेन-देन में आने वाली बैंकिंग बाधाओं को समाप्त करने पर चर्चा की है। रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन अगले महीने इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भी शिरकत करेंगे। इस बीच, रूस के उप-प्रधानमंत्री इस्लामाबाद की यात्रा पर हैं।

Islamabad: रूस ने बुधवार को घोषणा की कि वह ब्रिक्स में शामिल होने के पाकिस्तान के प्रयास का समर्थन करेगा, क्योंकि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करके अपने रिश्तों को और गहरा करने का निर्णय लिया है।

रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ बातचीत के बाद कहा कि हमें यह जानकर खुशी हुई है कि पाकिस्तान ने सदस्यता के लिए आवेदन किया है। ओवरचुक इस्लामाबाद में अपनी दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं।

रूस करेगा ब्रिक्स और शंघाई का समर्थन 

ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन मित्रवत संगठनों के रूप में जाने जाते हैं। हम इनका समर्थन करना जारी रखेंगे। रूस की सरकारी स्वामित्व वाली टास समाचार एजेंसी ने ओवरचुक के हवाले से बताया है कि हमने ब्रिक्स के महत्वपूर्ण विस्तार को देखा है और दुनिया के विभिन्न देशों ने इसमें शामिल होने के लिए गहरी रुचि दिखाई है।

ब्रिक्स की स्थापना कब हुई ?

2006 में ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत और चीन द्वारा की गई थी, और 2011 में दक्षिण अफ्रीका इस समूह में शामिल हुआ। 1 जनवरी, 2024 को मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और इथियोपिया इस समूह के पूर्ण सदस्यों के रूप में शामिल हुए हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि ब्रिक्स नाम ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नामों के पहले अक्षरों को मिलाकर बनाया गया है।

चीन चाहता है कि पाक ब्रिक्स का हिस्सा बने

रूस में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले यह बयान अत्यंत महत्वपूर्ण है। चीन लंबे समय से पाकिस्तान को इस संगठन में शामिल करने की कोशिश में लगा हुआ है। हालांकि, भारत की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। फिर भी, यह माना जा रहा है कि अगर पाकिस्तान ब्रिक्स का हिस्सा बनता है, तो इससे चीन का प्रभाव और भी बढ़ जाएगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच की घनिष्ठता सभी के लिए स्पष्ट है।

 

 

 

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