Pakistan News: कौन हैं महरंग बलोच? जिन्होंने पाकिस्तान सरकार में मचाई खलबली, महरंग ने कहा - 'इतनी ज्यादा लाशें देखीं है, इसलिए अब मौत से डर नहीं लगता'

Pakistan News: कौन हैं महरंग बलोच? जिन्होंने पाकिस्तान सरकार में मचाई खलबली, महरंग ने कहा - 'इतनी ज्यादा लाशें देखीं है, इसलिए अब मौत से डर नहीं  लगता'
Last Updated: 02 सितंबर 2024

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक महिला कार्यकर्ता ने सरकार को चुनौती दी है। अहिंसा के सिद्धांत पर आधारित आंदोलन चलाने वाली महरंग बलोच की लोकप्रियता पूरे क्षेत्र में तेजी से बढ़ती जा रही है। बड़ी संख्या में लोग उनकी रैलियों में शिरकत कर रहे हैं। महरंग बलोच लोगों के उत्पीड़न के खिलाफ एक मजबूत आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं।

नई दिल्ली: साल 1948 से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बलूचिस्तान में शुरू हुआ प्रतिरोध इन दिनों अपने चरम पर है। बलूचिस्तान लिबरेशन फोर्स (BLA) पूरी ताकत के साथ पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रही है। एक ओर जहां बीएलए के हमलों ने पाकिस्तान की शहबाज सरकार की चिंताओं को बढ़ा दिया है, वहीं 31 वर्षीय बलूची महिला महरंग बलोच ने इस स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। महरंग बलोच अहिंसा के सिद्धांतों के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाने में विश्वास रखती हैं। आइए जानते हैं पेशे से डॉक्टर महरंग की प्रेरणादायक कहानी...

भाई के अपहरण से महरंग की जिंदगी में आया बदलाव

बताया कि साल 2006 से महरंग बलूचिस्तान में लोगों के अपहरण के खिलाफ संघर्ष कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक साल 2017 में उनके भाई का अपहरण कर लिया गया, जिसने महरंग की ज़िंदगी को पूरी तरह से बदलकर रख दिया। इस घटना के बाद, उन्होंने सरकार के खिलाफ एक अभियान शुरू करने और विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। हालांकि, 2018 में उनके भाई को वापस कर दिया गया। इसके पश्चात, महरंग ने 2019 में बलूच यकजेहती समिति (BYC) की स्थापना की, जिसके तहत लापता लोगों के अधिकारों के लिए आंदोलन की शुरुआत की। धमकियों के बावजूद, महरंग ने कभी भी अपने कदम पीछे नहीं खींचे।

‘अब तो मौत से भी डर नहीं लगता’ - महरंग

महरंग ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पहले उन्हें मृत्यु का डर सताता था। यहां तक कि वह अंतिम संस्कार में भी नहीं जाती थीं। लेकिन 2011 में, उन्हें पहली बार अपने पिता के क्षत-विक्षत शव की पहचान करनी पड़ी। पिछले 15 वर्षों में उन्होंने अपने कई करीबी लोगों के शव देखे हैं। अब उन्हें मौत से कोई डर नहीं लगता। महरंग बलोच एक पेशेवर डॉक्टर हैं। उनके पिता भी एक सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिनका तीन दशक पहले अपहरण कर लिया गया था।

महरंग से डरी हुई है पाकिस्तान सरकार

रूढ़िवादी बलूचिस्तान में महिला सामाजिक कार्यकर्ता महरंग को लोग अत्यंत पसंद कर रहे हैं। उनकी बातों का लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। महरंग की रैलियों ने पाकिस्तान सरकार की चिंताएँ बढ़ा दी हैं। यही कारण है कि सरकार ने उनके रैलियों में शामिल होने वाले लोगों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। यहां तक कि इंटरनेट सेवाएँ भी बंद करनी पड़ी हैं। पाकिस्तान की सेना और अर्धसैनिक बलों द्वारा किए गए अत्याचारों और हत्याओं ने एक साधारण लड़की को बलूचिस्तान में आंदोलन का सबसे बड़ा प्रतीक बना दिया हैं।

महरंग के जन आंदोलन में महिलाएं भी शामिल

महरंग पाकिस्तान सेना के अत्याचारों के खिलाफ बलूचिस्तान में महिलाओं, युवतियों और लोगों को एकजुट करने में प्रयासरत हैं। वे छोटे-छोटे जनसभाओं के माध्यम से अपनी आवाज लोगों तक पहुंचाती हैं। महंग ने स्कूलों और घर-घर जाकर जन आंदोलन शुरू किया है, विशेष रूप से युवतियों को सक्रिय करने पर ध्यान केंद्रित किया है। पाकिस्तान के सबसे रूढ़िवादी राज्य बलूचिस्तान में एक महिला के नेतृत्व में हो रहे इस आंदोलन ने पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया हैं।

ग्वादर की रैली को देखकर उड़े सरकार के होश

उत्पीड़न के खिलाफ पिछले महीने महरंग संगठन बीवाईसी ने बलूचिस्तान में अरब सागर के तट पर स्थित ग्वादर में बलूच लोगों की एक राष्ट्रीय सभा आयोजित करने का प्रयास किया। लेकिन सुरक्षा बलों ने लोगों को वापस लौटा दिया और सड़कों को बंद कर दिया। महरंग का दावा है कि इस सभा में लगभग दो लाख लोग शामिल होने वाले थे। महरंग ने कहा, हमारे विरोध प्रदर्शन में लड़कियां, उनकी माताएं, मौसियां, दादी और परदादी सभी शामिल हो रही हैं।

 

 

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