Punjab Election: प्रताप सिंह बाजवा ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहां - पंजाबी भाषा में क्यों नहीं होती अग्निवीर परीक्षा...? सरकार बनने पर बंद करेंगे

Punjab Election: प्रताप सिंह बाजवा ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहां - पंजाबी भाषा में क्यों नहीं होती अग्निवीर परीक्षा...? सरकार बनने पर बंद करेंगे
Last Updated: 01 जून 2024

पंजाब में में १ जून को सभी १३ सीटों पर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान होंगे। सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं और उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा और खूब बयानबाजी की। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने अग्निवीर योजना को लेकर सरकार पर हमला बोला।

जालंधर: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को Subkuz.com के पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहां कि यदि केंद्र में आइएनडीआइए (Indian National Developmental Inclusive Alliance - I.N.D.I.A.) की सरकार बनी तो सबसे पहले ‘अग्निवीर’ योजना को बंद करके पुनः सेना भर्ती को शुरू किया जाएगा। उस दौरान उनके साथ तीन सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी भी मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि ‘अग्निवीर’ योजना से पंजाब और हिमाचल प्रदेश के युवाओं को बहुत नुकसान हुआ हैं।

सेना भर्ती ही सही है युवाओं के लिए - बाजवा

प्रताप सिंह बाजवा ने मीडिया के सामने कहां कि जब केंद्र में ईडी गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर योजना को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। कांग्रेस के राज में 18 साल की उम्र के युवाओं को सेना में भर्ती में शामिल किया जाता था और वह कम से कम 18 साल तक देश की सेवा में कार्यरत रहता था। लेकिन इसे अब भाजपा ने केवल चार साल के लिए कर दिया है। ‘अग्निवीर’ योजना से पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के लिए नुकसान दायक साबित हुई हैं। पंजाबियों में देशभक्ति का जज्बा है।

बताया कि 'अग्निवीर’ योजना के कारण देश के युवाओं में सेना के नाम पर ही जज्बा खत्म हो गया है। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल हरवंत सिंह ने कहां कि ‘अग्निवीर’ योजना क्यों और किस कारण से ले गई है, केंद्र सरकार ने यह अभी तक स्पष्ट नहीं किया हैं। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जसबीर सिंह धालीवाल ने कहां ‘अग्निवीर’ योजना को पहले पायलट प्रोजेक्ट बनाकर परखना चाहिए था। अग्निवीर योजना से पहले सेना में 20 प्रतिशत पंजाबी युवा मौजूद होते थे। लेकिन अब ये घटकर मात्र दो प्रतिशत रह चुकी हैं।

पंजाबी में भी होनी चाहिए अग्निवीर परीक्षा

प्रताप सिंह बाजवा ने अग्निवीर योजना पर मिडिया के समक्ष सवाल उठाते हुए कहां कि यह परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी में ही आयोजित होती है। इसे पंजाबी भाषा में आयोजित क्यों नहीं करवाया जाता। सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर काहलों सिंह ने कहां कि ‘अग्निवीर’ योजना के कारण नेपाल से गोरखा शमी नहीं हो रहे हैं। इसका फायदा चीन उठा रहा है। क्योकि उसने अपनी सेना में गोरखा की डिवीजन बनाने का फैसला लिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व नेता प्रतिपक्ष ने अग्निवीर योजना को गलत बताते हुए इसे बंद करने के लिए आवाज उठाई। तथा कहां सरकार बनने के बाद इसी बंद कर दिया जाएगा।

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