कोटा में आत्महत्या के केश लगातार बढ़ रहे है. पढाई के दबाव में आकर बच्चे गलत रास्ता अपनाते हुए मौत को गल्ले लगा रहे हैं। पिछले तीन दिन में दो युवकों के आत्महत्या करने की खबर सामने आई हैं।
कोटा: देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा में आए दिन छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के कैश देखने को मिल रहे हैं. इनमे लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कोटा में प्रतिवर्ष दो-ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राएं मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए देश के अलग-अलग शहरों से पढाई करने के लिए यहां पहुंचते हैं। इनमें से कुछ ऐसे छात्र-छात्राएं भी है जो असफल होने पर अपने जीवन की कहानी को ही समाप्त कर लेते हैं।
आत्महत्या करने वालों में हुई बढ़ोतरी
अधिकारी ने बताया कि स्टूडेंट्स पर कोचिंग संस्थानों में पढाई के साथ घर वालो की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने का दबाव भारी पड़ता है, क्योंकि प्रत्येक छात्र-छात्राएं मानसिक रूप से मजबूत नहीं हो सकता है। कोटा में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे है, जिससे प्रशासन को भी चिंता होने लगी हैं। बताया कि सुबह छह बजे से देर शाम तक कोचिंग संस्थानों की भारी क्लास, फिर रात को सेल्फ स्टडी, सप्ताह में एक से दो बार क्लास टेस्ट, अभिभावकों की बहुत सारी उम्मीदें और साथियों के साथ जीतने की होड़ के दबाव में आकर छात्र-छात्राएं आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा कर अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं।
धौलपुर के छात्र ने मौत को लगाया गल्ले
Subkuz.com को एक अधिकारी ने बताया कि कोटा में नीट की तैयारी करने वाले धौलपुर निवासी भरत कुमार राजपूत ने मंगलवार (३० अप्रेल) गल्ले में फांसी का फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बताया कि भरत कुमार अपने भांजे रोहित कुमार के साथ एक पीजी में रहता था। दोनों ही युवक नीट की तैयारी के लिए एक कोचिंग संस्थान में अध्ययन करते थे। मंगलवार को जब भांजा रोहित कटिंग करवाने के लिए बाजार गया और करीब 11:12 बजे वापस लौटा तो उसने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद पाया। उसने भरत को कई बार आवाज दी, लेकिन उसने कोई उत्तर नहीं दिया। उसके बाद उसने पीजी के मालिक के साथ मिलकर कमरे का दरवाजा तोड़ा दिया और अंदर देखा तो भरत पंखे से लटक रहा था।
बताया गया है कि भरत कुमार पिछले दो साल से कोटा में नीट की पढ़ाई कर रहा था। वह नीट की परीक्षा में पास नहीं हुआ और दबाव में आकर खुद को फांसी लगा ली। कमरे में भरत कुमार का लिखा हुआ एक सुसाइड नोट भी जिसमें लिखा हुआ था कि, सॉरी पापा जी, इस बार की परीक्षा में भी मेरा चयन नहीं हो सका। पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर माना कि भरत ने पढ़ाई के दबाव में आत्महत्या जैसा गलत कदम उठाया है। इससे पहले रविवार (28 अप्रेल) रात को भी हरियाणा के रहने वाले एक छात्र ने आत्महत्या कर अपने जीवन को समाप्त कर लिया था।
शिक्षा मंत्री ने कहां - कोचिंग को दोषी ठहराना गलत
राजस्थान के शिक्षामंत्री मदन लाल दिलावर ने मीडिया के सामने कहां कि छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के मामले में कोचिंग संस्थानों को दोषी ठहराना गलत है। क्योकि ऐसे मामले का दोषी कोचिंग संस्थान ही हो यह उचित नहीं हैं। कई बार छात्र-छात्राओं की गलत संगत, प्यार में असफल होना और माता-पिता की उम्मीद के कारण भी बच्चें डिप्रेशन में आकर गलत कदम उठा लेते हैं। क्योकि कई बार आत्महत्या करने से पहले बच्चे सुसाइड नोट लिखते हैं कि मम्मी-पापा हमें माफ कर देना हम आपकी इच्छा को पूरा करने में असफल हुए है, इसलिए में आत्महत्या कर अपना जीवन समाप्त कर रहा हूं।