राष्ट्रगान के दौरान नीतीश कुमार की बातचीत पर विवाद, विपक्ष ने जताई आपत्ति

🎧 Listen in Audio
0:00

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान के दौरान बातचीत करने को लेकर विवाद छिड़ गया है। यह विवाद एक वायरल वीडियो के बाद हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री पटना में आयोजित विश्व सेपक टकरा प्रतियोगिता के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान के समय बातचीत करते नजर आए। 

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान के दौरान बातचीत करने को लेकर विपक्षी दलों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। एक वायरल वीडियो में सीएम नीतीश को पटना में आयोजित विश्व सेपक टकरा प्रतियोगिता के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान के समय बातचीत करते हुए देखा गया। राजद ने इसे राष्ट्रगान का अपमान बताते हुए आरोप लगाया।

भारत के राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। इसके उल्लंघन पर 1971 के प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नैशनल ऑनर एक्ट के तहत तीन साल तक की सजा या जुर्माना हो सकता है। इस विवाद पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर कड़ी आलोचना की और इसे बिहार के लिए चिंताजनक बताया।

क्या है राष्ट्रगान के सम्मान का महत्व?

भारत के राष्ट्रीय गीत ‘जन-गण-मन’ का गान राष्ट्रीय एकता और सम्मान का प्रतीक है। इसे भारतीय संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को आधिकारिक रूप से राष्ट्रगान घोषित किया। राष्ट्रगान गाने के समय सभी उपस्थित व्यक्तियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे सम्मान के प्रतीक के रूप में खड़े रहें और शांति बनाए रखें। इसका उल्लंघन न केवल सामाजिक रूप से अनुचित है, बल्कि कानूनी दृष्टिकोण से भी गंभीर है।

कानूनी दृष्टिकोण: राष्ट्रगान के अपमान पर सजा का प्रावधान

भारत में राष्ट्रगान के अपमान को गंभीर अपराध माना गया है। प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नैशनल ऑनर एक्ट, 1971 के तहत, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर राष्ट्रगान का अपमान करता है, तो उसे तीन साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इस कानून के तहत राष्ट्रगान के दौरान बातचीत करना, शोरगुल करना या सम्मानजनक मुद्रा में खड़ा न होना कानूनी अपराध के श्रेणी में आता है।

विपक्षी नेताओं का बयान: नीतीश कुमार पर सवाल

इस वीडियो के सामने आने के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "कम से कम राष्ट्रगान का तो सम्मान कीजिए, मुख्यमंत्री जी। आप हमेशा महात्मा गांधी की शहादत के दिन भी अव्यवहारिकता दिखाते हैं, अब राष्ट्रगान के वक्त भी यही हो रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गंभीर सवाल उठते हैं और यह बिहार के लिए चिंता का विषय है।

राष्ट्रगान का सम्मान: क्यों है यह हर नागरिक की जिम्मेदारी?

राष्ट्रगान का सम्मान केवल कानूनी दायित्व नहीं है, बल्कि यह समाज की सामूहिक चेतना और देशभक्ति का प्रतीक है। राष्ट्रगान के दौरान शांति और सम्मान बनाए रखना राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है और नागरिकों में देशप्रेम की भावना को बढ़ावा देता है। यह समय होता है जब देश के प्रति सम्मान और प्यार को अभिव्यक्त किया जाता है, और इसे तोड़ना समाज और राष्ट्र के प्रति असम्मान समझा जाता है।

इस पूरे विवाद ने यह सवाल खड़ा किया है कि हमारे नेताओं और नागरिकों के बीच राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति संवेदनशीलता कितनी है और हम उन्हें किस तरह सम्मान देते हैं।

Leave a comment