शेयर बाजार में पिछले छह महीनों से जारी करेक्शन का असर कंपनियों की फंड जुटाने की गतिविधियों पर साफ दिख रहा है। साल 2024 में जहां 90 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे।
IPO: शेयर बाजार में पिछले छह महीनों से जारी गिरावट का असर कंपनियों के फंड जुटाने की गतिविधियों पर भी पड़ा है। साल 2024 में जहां 90 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे, वहीं 2025 के पहले तीन महीनों में सिर्फ 10 आईपीओ आए हैं, जिनके जरिए महज 16,983 करोड़ रुपये ही जुटाए जा सके हैं।
IPO और QIP की रफ्तार घटी
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की इन्वेस्टमेंट बैंकिंग शाखा एमके इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में करेक्शन के चलते फंड जुटाने की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। साल 2024 में 92 कंपनियों ने आईपीओ लाकर 1,62,261 करोड़ रुपये जुटाए थे, जबकि 91 कंपनियों ने QIP (Qualified Institutional Placement) के जरिए 1,36,424 करोड़ रुपये का फंड इकट्ठा किया था।
लेकिन 2025 की शुरुआत में यह रफ्तार सुस्त पड़ी है। जनवरी-फरवरी 2025 के दौरान सिर्फ 10 आईपीओ आए, जबकि 2024 में इसी अवधि में 15 कंपनियों ने आईपीओ लॉन्च किए थे। वहीं, QIP की संख्या भी घटी है—2024 के पहले तीन महीनों में 18 QIP आए थे, जबकि 2025 में अब तक केवल 7 QIP ही देखने को मिले हैं।
SIP निवेश ने बाजार को दिया सहारा
हालांकि, म्यूचुअल फंड में होने वाले सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के मजबूत प्रवाह ने बाजार को सहारा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 11 महीनों में हर महीने SIP निवेश 20,000 करोड़ रुपये से अधिक बना हुआ है। खासकर पिछले पांच महीनों में यह आंकड़ा 25,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है, भले ही निवेशकों को सितंबर 2024 के बाद से नकारात्मक रिटर्न मिले हैं।
घरेलू निवेशकों ने विदेशी निवेशकों की भरपाई की
भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की निकासी के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने इसकी भरपाई की है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते 11 महीनों में DII ने 5,70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि विदेशी निवेशकों ने 2,88,000 करोड़ रुपये निकाले। इससे भारतीय शेयर बाजार को स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली हैं।