साइबर क्राइम : मुंबई में रहने वाले वरिष्ठ दम्पति के साथ हुई साइबर धोखाधड़ी, लुटे 4.35 करोड़

साइबर क्राइम : मुंबई में रहने वाले वरिष्ठ दम्पति के साथ हुई साइबर धोखाधड़ी, लुटे 4.35 करोड़
Last Updated: 18 जनवरी 2024

साइबर क्राइम : मुंबई में रहने वाले वरिष्ठ दम्पति के साथ हुई साइबर धोखाधड़ी, लुटे 4.35 करोड़

मुंबई में रहने वाले एक वरिष्ठ नागरिक दंपत्ति के साथ साइबर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहां उनसे 4.35 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। साइबर अपराधी ने खुद को भविष्य निधि संगठन से जुड़ा होने का दावा किया। 11 करोड़ रुपये के भविष्य निधि भुगतान का लालच देकर, अपराधी ने बुजुर्ग दंपत्ति को चार महीने के लिए विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मना लिया। जब दंपति का खाता खाली हो गया, तो जालसाज ने और पैसे की मांग की और आयकर छापेमारी करने की धमकी भी दी। धोखे का एहसास होने पर दंपति ने मंगलवार को पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

दम्पति को करोड़ो का लालच देकर की ठगी 

लाखों का लालच देकर एक वरिष्ठ नागरिक दम्पति साइबर ठगी का शिकार हो गया। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित महिला को सबसे पहले एक लड़की का फोन आया, जिसने खुद को भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से होने का दावा किया। पीड़िता ने कॉल करने वाले पर भरोसा किया, जिसने उसके पति का पैन कार्ड नंबर, सेवानिवृत्ति की तारीख और जिस कंपनी में वह काम करता था उसका नाम जैसी जानकारी ले ली। इसके बाद, पीड़िता को यकीन हो गया कि उसको EPFO के अकाउंट में पैसे मिलने वाले है।

दम्पति के बारें में पूरी जानकारी थी ठगी करे वालो के पास 

11 करोड़ के प्रलोभन में फंसकर बुजुर्ग दंपत्ति से 4.35 करोड़ की ठगी कर ली गई। पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि शिकायतकर्ता महिला को इस साल मई में एक कॉल आई, जहां कॉल करने वाले ने खुद को ईपीएफओ से होने का दावा किया। पीड़िता का विश्वास हासिल करने के लिए, कॉल करने वाले ने शिकायतकर्ता के पति के बारे में विवरण बताया, जो एक कंपनी में कार्यरत था, जहां कॉल करने वाले ने काम करने का दावा किया था। आरोपी महिला ने पैन कार्ड और रिटायरमेंट से जुड़ी निजी जानकारी ठगी करने वालो को उपलब्ध कराई। ऐसी निजी जानकारी जुटाकर आरोपी ने बुजुर्ग दंपत्ति का विश्वास हासिल कर लिया। इसके बाद उन्होंने बुजुर्ग महिला को बताया कि उनके पति की कंपनी ने प्रोविडेंट फंड में 4 लाख का निवेश किया था और 20 साल बाद मैच्योरिटी राशि अब 11 करोड़ हो गई है।

IT कंसल्टेंसी फर्म में काम करते थे बुजुर्ग 

एक अधिकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता के पति ने पहले एक आईटी सेवा और कंसल्टेंसी फर्म में काम किया था और सेवानिवृत्त हो गए, जिसके बाद उन्होंने एक बड़ी रकम निकाल ली। अधिकारी ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद आरोपी महिला ने पीड़िता को फोन कर टीडीएस, जीएसटी और आयकर भुगतान के लिए समय-समय पर पैसे जमा करने का निर्देश दिया।  निर्देशों की प्रामाणिकता पर विश्वास करते हुए, पीड़ित ने नियमित रूप से अपराधी द्वारा प्रदान किए गए बैंक खातों में पैसे भेजे। इस तरह आरोपी महिला बुजुर्ग दंपत्ति से 4.35 करोड़ की ठगी करने में कामयाब रही।

 

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